रुपयाबंदी के बाद बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का आकलन है कि बीते पांच दिनों में राज्य को 15 सौ करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है. यानी हर रोज तीन सौ करोड़ का नुकसान.
बीआईए का कहना है कि अगले पचास दिन तक यही हालात रहे तो अनेक उद्योग बंद हो जायेगे और बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां छीनी जायेंगी.
बीआईए के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने कहा है कि राज्य की कर वसूली में भारी गिरवाट आयेगी इसका असर विकास कार्यों पर भी पडेगा. उन्होंने कहा कि रुपयाबंदी की मार सबसे ज्यादा स्टील उ्दयोग पर पड़ी है.
इसके अलावा चमड़ा, फूडप्रोसेंसिंग व सीमेंट आदि के कारोबार प्रभावित हुए हैं. हालात यह हो गये हैं कि कारोबारी ट्रकों के किराये की अदायगी के अलावा मजदूरों की मजदूरी भी नहीं दे पा रहे हैं.
राम लाल खेतान ने कहा कि बैंकों में जहां पहले औसतन छह हजार करोड़ का ट्रांजेक्शन होता था वह अब घट कर महज एक हजार करोड़ रुपये रह गया है.