बिहार के विभिन्न इलाकों में रुपयाबंदी का हिंसक असर देखने को मिला है. गया के मानपुर में नोट बदलने के दौरान जयप्रकाश पर तलवार से हमला हुआ जबकि कटिहार में मो. साकिब पर चाकू से हमला किया गया. इसी तरह सीवान और दरभंगा में नोटों की समस्या तीन लोगों की जान चली गयी है.
सीवान के मैरवा के एक अस्पतला में एक गभवती की मौत तब हो गयी जब अस्पतला ने बारह हजार रुपये के नोट सौ-सौ रुपये लेने की जिद कर दी. इस कारण इलाज में देरी हुई जिसके कारण उसकी मौत हो गयी. इसी तरह मोतिहारी के ढ़ाका में भी बैंक से पैसे निकालने आये गौनू नहतो की हार्ट अटैक से मौत हो गयी.
हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार तीसरी मौत दरभंगा किसन राम की मौत बैंक के सामने लाइन लगने के दौरान हो गयी.
इस बीच मनीगाछी में लोगों के सब्र का बांध तब टूट गया जब पीएनबी शाखा में भीड़ बैंक पर हमला कर दिया. इस क्रम में बैंक के शीशे टूट गये.
उधर पटना समेत राज्य के अनेक जिलों में वामपंथी दलों ने रुपयाबंदी के खिलाफ सड़क पर उतर आये और नरेंद्रमोदी के खिलाफ धरना दिया और मार्च निकाला.
आठ नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद बाजारों पर जबर्दस्त असर पड़ा है. खुदरा बिक्री और कारोबार आधा रह गया है. उधर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का कहना है कि राज्य में प्रति दिन 300 करोड़ रुपये का कारोबार में कमी आ गयी है.