भागना रेप कांड और जमीन कब्जा मामले में इंसाफ न मिलने से आजिज हरियाणा के 250 दलित परिवारों ने इस्लाम कुबूल कर लिया है.
16 अप्रैल 2014 से ही हरियाणा के हिसार जिले के दलितों ने इंसाफ के लिए दिल्ली के जंतरमंतर पर धरने पर बैठे हैं.
गौरतलब है कि हिसार के भागना गांव में जाट समुदाय के कुछ दबंगों ने 23 मार्च को चार दलित लड़कियों का अपहरण कर लिया था और उसके बाद उनका बलात्कार किया गया. इस मामले में उन्हें इंसाफ नहीं मिला था.
तीन वर्षों से इंसाफ नहीं
जंतर मंतर में डेढ साल से आंदोलन कर रहे इन दलितों ने शुक्रवार को ही इस्लाम धर्म अपनाने की बात कही थी. उनका मानना है कि हिंदू रहते हुए जब उनका शोषण हो रहा हो तो ऐसे में उस धर्म में बने रहने की कोई वजह नहीं है. इन परिवारों का कहना है कि भगाना बलात्कार केसों में बचे हुए आरोपियों को गिरफ्तारी जल्द हो और शामलात जमीन से अवैध कब्जे हटाया जाए। इसी मामले को लेकर वे शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिले थे। वहां से भी कोई ठोस पहल नहीं की गयी.
ज्ञात हो कि भागना के दलित और दबंग जाति के लगों के बीच वर्षों से विवाद रहा है. बलात्कार की घटना के पहले 21 मई 2012 को भगाना में सवर्ण जाति के लोगों से दलितों का विवाद हो गया था. इसके बाद 52 से ज्यादा परिवारों ने गांव से भागने पर मजबूर हो गये थे.