अब रॉफेल व नोटबंदी पर 60 रिटायर्ड IAS, IPS अफसरों ने उड़ाई मोदी सरकार की नींद.CAG से कहा ऑडिट रिपोर्ट जारी करे
देश के 60 रिटायर्ड IAS, IPS और IFS अफसरों की टीम ने एक पत्र लिख कर नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक से आग्रह किया है कि वह नोटबंदी और राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर जितनी जल्द हो सके ऑडिट रिपोर्ट जारी करे. इन पूर्व अफरों की टीम ने इस पत्र की एख कॉपी राष्ट्रपति को भी भेजी है.
चार पन्नों के इस पत्र में पूर्व नौकरशाहों अपने हस्ताक्षर भी किये हैं. इस पत्र में लिखा गया है कि हम इस देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा कर चुके हैं. हमें इस देश के संविधान पर पूरी आस्था है और हम इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं.
पत्र में संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्होंने संविधान सभा की बैठक में कहा था कि नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक इस देश का सबसे महत्वपूर्ण पद है. यह न्यायपालिका से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के खजाने का यह असल पहरेदार है.
पत्र में एक अखबार के हवाला देते हुए कहा गया है कि नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक CAG ने कहा था कि वह राफेल एंव नोटबंदी से जुड़े आर्थिक माले की आ़डिट करेगा. लिहाजा इस खबर के आलोक में हम सीएजी से आग्रह करते हैं कि वह जल्द अज ज्लद इस रिपोर्ट को जारी करे.
19 अप्रेल 2018 के इंडियन एक्सप्रेस का हवाला देते हुए कहा गया है कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सीएजी से मिला था और राफेल मामले की जांच करने को कहा था. इस प्रतिनिधिमंडल को सीएजी ने कहा था कि वह इस मामले की तहकीकात पहले ही शुरू कर चुके हैं.
पूर्व अफसरों के पत्र में कुछ तल्ख सच्चाइयों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सीएजी ने इससे पहले 2जी एस्केम, कमनवेल्थ घोटाला, आदर्श घोटाला आदि की आडिट की थी. इस का व्यापक प्रभाव भारतीय जनमानस पर पड़ा था. पत्र में साफ कहा गया है कि लेकिन सीएजी द्वारा राफायेल और नोटबंदी के मामले में ऑडिट रिपोर्ट जारी करने में हो रहे विलम्ब से लोगों में यह अवधारणा बनती जा रही है कि सीएजी मई 2019 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर समय टाल रहा है. इससे सीएजी की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक असर पड़ रहा है.