उर्दू के लिए बिला वजह आंसू बहाने और मन छोटा करने की जरूरत कहां है भाई. अभी सूचना एं प्रसारण मंत्री ने पत्र पत्रिकाओं के लिए जो रिपोर्ट जारी की है वह बताती है कि हिंदी व अंग्रेजी के बाद उर्दू सर्कुलेशन के लिहाज से तीसरी बडी भाषा है. इसे ऐसे भी कहिए कि तमिल, तेलुगू, मलयालम, बांग्ला जैसी भाषाओं में अलग-अलग जितने समाचार पत्र बिकते हैं उन सबमें उर्दू अव्वल है.
सूचना एंव प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडु ने भारतीय भाषाओं की पंजीयन रिपोर्ट 201516 जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसरा देश में सर्वाधिक प्रसार संख्या में हिंदी के पत्र-पत्रिकायें हैं. इन की कुल प्रसार संख्या प्रति प्रकाशन दिवस के हिसाब से 31 करोड़ 44 लाख से ज्यादा हैं. दूसरी पोजिशन पर अंग्रेजी है. इसकी प्रति प्रकाशन दिवस पर 6 करोड़ 54 लाख प्रतियां छपती हैं. जबकि तीसरे नम्बर उर्दू रही. उर्दू की कुल 5 करोड़ 17 लाख 75 हजार प्रति प्रकाशन दिवस पर छपती हैं.
सूचना एंव प्रसारण मंत्री द्वरा जारी इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि तीसरे पायदान पर रहनी वाली उर्दू अन्य बड़ी भाषाओं जैसे, बांग्ला, तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़ से काफी आगे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि उर्दू भाषा देश के दर्जनों राज्यों में बोली और लिखी जाती है. जबकि तमिल, तेलुगू, बांग्ला आदि भाषायें किसी न किसी राज्य तक सीमित हैं.
रिपोर्ट के अनुसार दैनिक भास्कर देश का सबसे ज्यादा प्रसार वाल अखबार है. इसे कुल 45 संस्करण में 46 लाख से ज्यादा प्रतियां छपती हैं. जबकि टाइम्स आफ इंडिया दूसरे रैंक पर है और इसके 33 संस्करण में कुल 44 लाख प्रतियां छपती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार एक प्रकाश के लिहाज से बांग्ला भाषा की आनंद बाजार पत्रिका पिछले कई वर्षों से अव्वल बना हुआ है. इसकी कुल प्रसार संख्या ग्यारह लाख से ज्यादा है.