मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार में लिप्त लोकसेवकों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे डाली है। शुक्रवार को सात निश्चय की महत्वपूर्ण कड़ी घर तक पक्की गली नालियां के तहत टोला संपर्क निश्चय योजना और ग्रामीण-शहरी नाली-गली पक्कीकरण योजना की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री कहा कि गलत तरीके से पैसा बनाना भी एक मानसिक बीमारी है। पता नहीं लोगों की कितना पैसा चाहिए? किसी-किसी को तो संतान तक नहीं है फिर भी सात पुश्त के लिए पैसा जुटाने में लगा है। ऐसे लोगों पर हमारी नजर है। वे बख्शे नहीं जाएंगे। कल ही सबने देखा होगा कि एसडीओ और डीएसपी एक साथ धरे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवकों को छठे वेतन में भी ठीक-ठाक पैसा मिल रहा है। अब तो सातवां वेतन भी आ गया है। वह भी मिल ही जाएगा। चिंता क्यों करते हैं? आप लोगों की चिंता मुझे है। आखिर कोई दायें-बाएं करके कोई कितना कमाएगा? क्या ज्यादा कमा लेने पर रोटी-चावल की जगह हीरा खाने लगेंगे। हीरा खाने वाले तो मर ही जाएगा। जो दो नंबर की कमाई करता है उसका धन बर्बाद हो जाता है। गलत तरीके से मिला धन किसी के काम नहीं आता। सब समझने पर भी कुछ लोग लूटने में लगे रहते हैं। लगता है जैसे ऊपर लेकर जाएंगे लेकिन कफन में जेब तो होती नहीं है। इसलिए गलत तरीके से पैसा बनाने की आदत छोड़ कर राज्यहित में काम करना चाहिए। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह भी मौजूद थे।