इलाहाबद हाईकोर्ट की फटकार के बाद नोएड प्रधिकार के मुख्य कार्यकारी पद से हटाये गये आईएएस संजीव सरण को उत्तप्रदेश सरकार ने संस्कृति विभाग का प्रधानसचिव बना दिया है.
संजीव सरण को टूरिज्म के महानिदेशक का भी पद दिया गया है.
इलाहाबा हाईकोर्ट ने 8 नवम्बर 2012 को संजीव सरण के अलावा प्राधिकरण के अध्यक्ष राकेश बहादुर को उनके पदों से हटा कर उनके विरुद्ध भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
यूपी सरकार की फजीहत:हटाना पड़ा संजीव सरण को
अखिलेश यादव सरकार ने कोर्ट के दबाव के बाद संजीव को बड़ी मुश्किल से हटाया था.
अनुमान है कि 2001 से अब तक नोएडा प्राधिकरण में हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी.
संजीव सरण और मुलाय यादव परिवार के बीच निकटता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव ने सत्ता संभालने के महज 48 घंटे के बाद नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ एसके द्वीवेदी और अध्यक्ष मोहिंदर सिंह को हटा दिया था और उनकी जगह संजीव सरण को सीईओ बना दिया था.
मजे की बात है कि संजीव सरण और राकेश बहादुर वही दो आईएएस अधिकारी हैं जो मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल यानी 2005-2007 के दौरान नोएडा प्राधिकरण के क्रम: सीईओ और अध्यक्ष थे.
जब मायावती मुख्यमंत्री बनीं तो इन दोनों अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया था. मायावती के कार्यकाल में इन दोनों अधिकारियों पर प्लाट वितरण के मामले में भारी अनियमितता के आरोप लगे थे.