मेरठ के लव जिहाद की साजिश में भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह फंस गयी है. अब हालत यह है कि उसके नेता मुंह छिपाते और बातें बदलते फिर रहे हैं.
इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन
मालूम हो कि मेरठ के खरखैदा में लड़की ने मेरठ के महिला पुलिस स्टेशन पहुंच कर एक तहरीरी बयान दिया है जिसमें उसने साफ कहा है कि न तो उसका बलात्कार हुआ और न ही उसका धर्म परिवर्तन करवाया गया. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता विनीत अग्रवाल ने इस मामले में पीड़ित लड़के के मां-बाप को प्रभावित करकके लड़की का रेप और जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का मामला दर्ज करवाया था, जिसके बाद मेरठ में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया था.
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अब विनीत अग्रवाल ने चुप्पी साध ली है. यहां यह बात भी याद रखने की है कि यह वही विनीत अग्रवाल हैं जिन्होंने लड़की के मां-बाप को 25 हजार रुपये दिये थे और आगे भी मदद देने का वादा किया था. अब इस मामले में लड़की ने यहां तक कहा है कि उसके मां-बाप को कुछ नेताओं ने पैसे देकर मुझ पर दबाव बनवाया और मुझे जान से मारने की धमकी दी गयी जिसके कारण मजबूर हो कर मैंने बलात्कार की एफआईआर कराई थी.
यूपी भाजपा के प्रसिडेंट लक्ष्मीकांत वाजपेयी की ढ़िटाई देखिये कि कल तक लड़की को पीड़ित बताने वाली पार्टी के प्रदेश प्रसिडेंट अब लड़की के खिलाफ ही कार्रवाई की बात कर रहे हैं. लेकिन वाजपेयी से यह पूछा जाना चाहिए कि लड़की को दो महीने तक अंडर हाउस अरेस्ट रखने और उसे डराने और उसे जान से मारने का खौफ दिखा कर गलत एफआईआर दर्ज कराने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए?
लड़की के ताजा बयान के बाद लव जिहाद की घृणा फैलाने वाले विनीत अग्रवाल मीडिया से बच रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रसिडेंट लक्ष्मीकांत वाजपेयी की भी बोलती बंद हो गयी है. वाजपायी अब मुद्दे को घुमाते हुए कह रहे हैं कि अब अगर लड़की अपने बयान से मुकर गयी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वाजपेयी की ढ़िटाई देखिये कि कल तक लड़की को पीड़ित बताने वाली पार्टी के प्रदेश प्रसिडेंट अब लड़की के खिलाफ ही कार्रवाई की बात कर रहे हैं. लेकिन वाजपेयी से यह पूछा जाना चाहिए कि लड़की को दो महीने तक अंडर हाउस अरेस्ट रखने और उसे डराने और उसे जान से मारने का खौफ दिखा कर गलत एफआईआर दर्ज कराने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए?
इतना ही नहीं विनीत अग्रवाल और उनके सहयोगियों पर दो समुदायों के बीच के भाइचारे को तोड़ने, साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने और पीड़िता के पिता को लोभ देने का मामला भी दर्ज किया जाना चाहिए.
लड़की को तो तब असल इंसाफ मिलेगा जब उसे अपने जीवन के फैसले करने से रोकने वाले विनीत अग्रवाल के खिलाफ कानूनी डंडे का निशाना बनाया जायेगा. लड़की 22 वर्ष की है. वह कानूनी तौर पर बालिग है और उसे अपने जीवन के हर मामले में फैसला लेने का हक है.
यह तो पुलिस की मजबूरी कहिये कि उसने लड़की के ताजा बयान की बुनियाद पर उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन यहां यह सवाल अब भी महत्वपूर्ण है कि अगर लड़की के पिता के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया तो अब उन नेताओं के खिलाफ भी एफआईआईर दर्ज होनी चाहिए जिन्होंने लड़की को मजबूर करवा कर बलात्कार का एफआईआर दर्ज करवाया था. इस मामले में पहली पकड़ भाजपा नेता विनीत अग्रवाल की होनी चाहिए क्योंकि यह विनीत अग्रवाल ही है जिन्होंने लड़की के पिता को 25 हजार रुपये देकर लड़की पर दबाव बनवाने की साजिश की. इस संबंद में मेल टुडे ने दावा किया है कि उसने उस विडियो फुटेज को देखा है जिसमें भाजपा नेता विनीत अग्रवाल लड़की के पिता को 25 हजार रुपये दे रहे हैं. इस मामले में लड़की ने अपना मुंह खोलते हुए मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है कि अब नेताजी ने पैसे देना बंद कर दिया है.
मेरठ के लव जिहाद के इस मामले ने अगस्त में पूरे शहर को साम्प्रदायिक तनाव में झोंक दिया था. इस मामले में हाफिज नामक युवक समेत दस लोगों को जेल में डाल दिया गया. अतिवादियों ने हाफिज के घर पर हमला तक किया और उसके परिवार वाले पिछले दो महीने से प्रताड़ना जेल रहे हैं.