विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में पशुओं के उपयोग पर परहेज करने के चुनाव आयोग के निर्देश के बाद अब राजद की घोड़ा गाड़ी टमटम पर लगाम लग सकती है। राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने पटना में बताया कि पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम का उल्लंघन नहीं किये जाने का निर्देश सभी राजनीतक दलों को दे दिया गया है। इस अधिनियम के तहत सभी राजनीतिक दलों को पशुओं के चुनाव प्रचार में इस्तेमाल से परहेज करने को कहा गया है ।
श्री लक्ष्मणन ने कहा कि इससे संबंधित आयोग के निर्देश को राज्य के सभी जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि कोई इससे संबंधित शिकायत मिलती है तो वे उस पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चत करें । अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि ‘पेटा’ की ओर से चुनाव आयोग में याचिका देकर चुनाव में पशुओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की गयी थी । इसी को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों को जहां इस अधिनियम का उल्लंघन नहीं करने का सख्त निर्देश दिया गया है। वही संबंधित जिलाधिकारियों को शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई करने को कहा गया है ।
पेटा के अनुसार राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव प्रचार के क्रम में पशुओं को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ले जाने और भारी शोर से उन्हें नुकसान हो सकता है । साथ ही अधिक भार के कारण पशु गिर सकते और उन्हें शारीरिक चोट पहुंच सकती है । चुनाव आयोग ने वर्ष 2012 में भी सभी राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार में पशुओं का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था।