बिहार विधान मंडल का शीतकालीन आज से शुरू हो गया। शुक्रवार तक चलने वाले सत्र के पहले दिन दिवंगत आत्माओं की श्रद्धांजलि के साथ कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। दोनों सदनों की कार्यवाही समाप्त होने के बाद परिसर में पत्रकारों से घिरे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक ‘चिनगारी’ उछाल दी। इसे लपकने की होड़ पत्रकारों में लग गयी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लालू यादव की वीवीआईपी सुरक्षा वापस ले ली है। उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके जिम्मेवार केंद्र और राज्य सरकार होगी।
वीरेंद्र यादव
इस चिनगारी को उछालते हुए पत्रकार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के कमरे में पहुंचे और चिनगारी उनके सामने फेंक दी। इस चिनगारी से 53 विधायक वाला इंजन भभक गया और लपटें लहराने लगीं। सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव को किससे डर है। उनसे तो पूरा देश डरता है। नेताओं की सुरक्षा को लेकर मोदी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था और श्रेणी नेताओं के लिए एस्टेटस सिंबल बन गया है। इसके साथ लालू यादव को लेकर कई अन्य आरोप भी मढ़े। इसी क्रम में पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान पर भी सवाल पूछ डाले। मांझी ने भी अपनी सुरक्षा श्रेणी कम किये को लेकर सवाल खड़ा किया था। मांझी के बयान पर सुशील का पारा अचानक नीचे आ गया और वे मंद पड़ गये। उन्होंने कहा कि नेताओं की सुरक्षा की श्रेणी केंद्र सरकार तय करती है। वही इसका मानदंड तय करती है।
इससे पहले हम 71 विधायक वाले बड़े इंजन के पास पहुंचे थे। हालांकि ‘बड़का दरबार’ में हम देर से पहुंचे। काफी बातें निकल चुकी थीं और मुख्यमंत्री विधान सभा से जाने की तैयारी में थे। उन्होंने कहा कि राजगीर भी जाना है। इसके साथ दरबार ‘वाइंड अप’ हो गया। हमने अपनी पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्यूज’ की कॉपी मुख्यमंत्री के हाथों में दी। पत्रिका को अपने आप्त सचिव को देकर वे अपने कक्ष से बाहर निकल गये। हम करीब 11 बजे विधान मंडल परिसर में पहुंचे थे। रास्ते में घंटी सुनायी दी। हम तेजी से भागते हुए विधानसभा के प्रेस दीर्घा में पहुंचे। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के साथ बड़ी संख्या में सदस्य भी सदन में मौजूद थे। करीब 20 मिनट की कार्यवाही के बाद सदन कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।