रामकृपाल यादव द्वारा भाजपा का दामन थाम लेने पर लालू प्रसाद ने उन पर अब तक का तीख प्रहार करते हुए कहा है कि वह भस्मासुर की तरह भस्म हो जायेंगे
लालू ने कहा हमने न तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाला और न ही उनकी राज्यसभा सदस्यता छोड़ने की मांग की. पूरा देश जान गया है कि कैसे रामकृपाल यादव ने अपने सिद्धांतों को बेच दिया और विचारों का होलिका दहन किया. यह आदमी (रामकृपाल) अवसरवादिता दिखाकर सांप्रदायिक लोगों की गोद में बैठ गया.
ध्यान रहे कि रामकृपाल यादव ने लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र से लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने को मुद्दा बना कर नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि अभी राजद से रामकृपाल यादव राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल पूरा हने में दो साल का वक्त बाकी है.
उधर रामकृपाल ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का पैर छू कर आशीर्वाद लिया और पार्टी सदस्यता ग्रहण की.
रामकृपाल के चलते भाजपा में बवाल
लेकिन पार्टी में शामिल होते ही एक नेता नवलकिशोर यादव ने रामकृपाल पर हल्ला बोलते हुए कहा है कि ‘उन्होंटने सिर्फ अपनी महत्वाोकांक्षा पूरी करने के लिए भाजपा ज्वॉीयन की है. राजद में उनकी कोई औकात नहीं थी. वह बस लालू परिवार के नौकर थे’.
इससे पहले नवलकिशोर भी राष्ट्रीय जनता दल में थे और भाजपा में वह इसी उम्मीद से आये थे कि उन्हें पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिककट दिया जायेगा. लेकिन अब रामकृपाल के आने के बाद नवल किशोर की उम्मीदवारी पर ग्रहण लगता दिख रहा है.
उधर रामकृपाल यादव ने भाजपा का दामन थामते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल सामाजिक न्याय के बदले पारिवारिक न्याय में जुट गया था.