राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि बाढ़ राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए शुद्ध और पौष्टिक भोजन कि व्यवस्था होनी चाहिए। 10, सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा है कि 1975 की बाढ़ से भी स्थिति अधिक खराब है। जान, माल और फसल की बरबादी बहुत अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बिहार के बाढ़ पीड़ितों पर ध्यान देना चहिए। वाण सागर से पानी छोड़ने पर ध्यान देना चहिए था।
राहत शिविरों में मिल रही है सहायता
उन्होंने कहा कि अब भी बहुत सारे लोग घर छोड़ कर निकलना नहीं चाहते हैं। मैंने पीड़तों से अनुरोध किया है कि वे बाढ़ राहत शिविरों मे आयें। शिविरों में सभी तरह की सहायता मिल रही है। सरकार निष्ठा से आप की सेवा कर रही है। प्रसाद ने कहा है कि शिविरों मे भोजन, दवा और अन्य सहायता सुलभ है। वाण सागर से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ कि स्थिति और बिगड़ गयी है। बक्सर, आरा, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, मुंगेर और भागलपुर जिला के गंगा के किनारे वाले इलाकों मे पानी भर गया है।
पशु चारा प्रबंध करने की मांग
राजद अध्यक्ष ने सरकार से कहा है कि पशुओं के शिविर में पशु चारा का प्रबंध किया जाये। बाढ़ के कारण व्यापक पैमाने पर गृह क्षति हुई है। खेतों में लगे धान, मकई, सब्जी, जौ और कई तरह कि खड़ी फसलें बरबाद हो गयी है। उन्होंने सरकार से नुकसान का आकलन कर रिलिफ कोड के अनुसार किसानों और बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि उनके खाते में देने का सुझाव दिया है। राजद प्रमुख ने कहा कि पीड़ितों को पानी से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्राइवेट नावों की भी व्यवस्था कर लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। जनप्रतिनिधियों से राहत वितरण का काम व्यवस्थित रूप से चलाने में सहयोग का अपील किया है।