उप मुख्‍यमंत्री सुशील मोदी के बेटे उत्‍कर्ष मोदी के शादी समारोह के आखिरी अतिथि थे पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी। कार्यक्रम के समापन के बाद सुशील मोदी मुम्‍बई से आयी कलाकारों की टोली के साथ फोटो खिचवा रहे थे। तभी शिवानंद तिवारी पहुंचे और दोनों गले मिले। शिवानंद ने कहा- आपके भी शादी में हम आये थे। बेटे की शादी में भी शामिल हुए। विवाह में तो नहीं खिलाए, छठी में जरूर बुलाइएगा।

उत्‍कर्ष के शादी समारोह में सुशील मोदी ने दिखायी राजनीतिक ताकत

वीरेंद्र यादव

शादी के लिए बने पंडाल में करीब दो बजे से ही अतिथि पहुंचने लगे थे। तीन बजे से वैवाहिक विधान शुरू हुआ। परिणय संस्‍कार को संपन्‍न कराने के लिए मुम्‍बई से ब्राह्मणों की टीम आयी थी ढोल-मजीरे के साथ। वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ गीत भी अतिथियों को कर्णप्रिय लग रहा था। तस्‍वीर उतारने की होड़ मंच के आसपास लगी हुई थी। विशिष्ट अतिथियों के साथ सुरक्षाकर्मियों का भी जमावड़ा था। अतिविशिष्‍ट अतिथियों को छोड़ दें तो कुर्सी पर बैठे अधिकतर लोग भाजपा व जदयू के विधायक व विधान पार्षद ही नजर आये। हालांकि भाजपा के कई भूतपूर्व विधायक भी पंडाल में मौजूद थे।

शादी समारोह में सुशील मोदी ने अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन भी किया। बिहार भाजपा के दूसरे नेताओं को यह बताने में वे सफल रहे कि ‘भीड़’ जुटाने की ताकत उनके पास ही है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली व अनंत कुमार के साथ ही केंद्र सरकार में शामिल बिहार के सभी मंत्री शादी समारोह में शामिल हुए। शादी समारोह में कई राज्‍यों के भाजपा के मुख्‍यमंत्री के अलावा कई राज्‍यपाल भी शामिल हुए। बिहार के अधिकतर सांसद भी समारोह में दिखे। तीन पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव, जगन्‍नाथ मिश्र और जीतनराम मांझी भी आशीर्वाद देने वालों में शामिल थे।

वैवाहिक मंच का संचालन कई मौके पर खुद सुशील मोदी ने किया। परिणय संपन्‍न होने के बाद सुशील मोदी ने आशीर्वाद देने के लिए कुछ खास नेताओं को मंच पर बुलाया और शेष से मंच पर नहीं आने का आग्रह किया। थोड़ी देर बाद तीनों भूतपूर्व मुख्‍यमंत्रियों को भी मंच पर बुलाया गया। राज्‍य सरकार के मंत्रियों को मंच पर नहीं बुलाया गया।

आशीर्वाद की भीड़ में हम भी मंच पर चढ़ गये। हमने लड़की वालों के साथ संवाद बढ़ाने की कोशिश की। एक व्‍यक्ति से बातचीत में पता चला कि लड़की वाले मुंगेर के हैं और करीब 20 वर्ष पहले कोलकाता शिफ्ट कर गये थे। उत्‍कर्ष की पत्‍नी यामिनी का जन्‍म मुंगेर में ही हुआ था। बात आगे बढ़ी। हमने पूछा- लड़की वालों का सेरनाम वर्मा है। ये लोग कायस्‍थ हैं क्‍या। उन्‍होंने कहा कि लड़की वाले माड़वाड़ी हैं। सोने का व्‍यवसाय है उनका। एक अन्‍य व्‍यक्ति से बातचीत शुरू हुई। उन्‍होंने कहा कि लड़की वाले मुंगेर शहर के रहने वाले हैं। लालू राज में अपराध बढ़ने के बाद कोलकाता चले गये थे। उधर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भी मंच पर लड़की वालों से पारिवारिक व व्‍यावसायिक पृष्‍ठभूमि पर चर्चा कर रहे थे। लड़की पक्ष के कई लोग असम और पूर्वोत्‍तर के अन्‍य राज्‍यों के भी थे। एक ने कहा कि उल्‍फा के आतंक बढ़ने के बाद काफी संख्‍या में लोग कोलकाता आये। उस समय अचानक कोलकाता में जमीन के भाव बढ़ गये।

परिणय के बाद आशीर्वाद का दौर लंबा चलने से रात बढ़ने लगी थी। अंधियारा छाने लगा था। बिजली की रौशनी जगमगाने लगी थी। इसी बीच सुशील मोदी ने आये सभी अतिथियों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

यह भी संयोग है कि लालू राज में अपराध के खौफ से मुंगेर छोड़कर कोलकाता गया यामिनी का परिवार नीतीश राज में अपनी बेटी को बहू बनाकर बिहार भेजा है। बिहार के प्रति जाग रहे विश्‍वास का स्‍वागत किया जाना चाहिए, यही वास्‍तविक उपहार होगा।

By Editor


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