एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सुझाव दिया है कि लिट्टी-चोखा की तरह चूहे को भी लजीज व्यंज घोषित करें. इससे पहले मुख्यमंत्री ने नौकरशाही से कहा था कि वह चूहा खाते रहे हैं.
नौकरशाही डॉट इन पर छपे मुख्यमंत्री के इंटर्व्यू , जिसमें उन्होंने चूहा पालन को बढा देने की जरूरत पर बल दिया था. इसके बाद बिहार कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय वर्मा ने मुख्यमंत्री को यह भी सुझाव दिया है कि
चूहा पालन पर एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू की जाये.
पढ़ें मुख्यमंत्री का इंटर्व्यू-
‘हां मैं चूहा खाता रहा हूं’
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद बिहार कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया नौकरशाही डॉट इन से साझा करते हुए कहा कि अगर चूहे को लिट्टी-चोखा की तर्ज पर उमदा पकवान घोषित कर दिया जाये तो इससे बड़ी तादाद में इट्रेप्रेन्योर को बिहार में आकर्षित किया जा सकता है परिणामस्वरूप चूहा पालन को बढावा मिल सकता है.
अजय वर्मा ने सुझाव दिते हुए छा है कि अगर चिकेन फ्लू के खतरों के बावजूद चिकेन को आहार के रूप में लेने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है तो सरकारी पार्टियों में चूहा आहार के रूप में क्यों नहीं परोसा जा सकता है? वर्मा ने यह भी कहा है कि क्या हमारे मुख्यमंत्री इस बात के अहल नहीं हैं कि वह अपने द्वारा आयोजित डिनर पार्टी में चूहे से बने पकवान परोसें?
वर्मा ने इतना ही नहीं, यहां तक कहा कि सिंगापुर और मलेशिया के भ्रमण के दौरान ऐसे कई पकवान का हमलोग सेवन करते हैं इसलिए क्या यह नहीं हो सकता कि इस नये विचार को मूर्त रूप दिया जाये. उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अपनी अगली प्रेस कांफ्रेंस में इस मुद्दे परो कोई घोषणा करेंगे?
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