केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लिया है। सूत्र के अनुसार, आज कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों में सवर्ण को दस फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है, जिसका फायदा आर्थिक आधार पर पिछड़े वर्ग के लोगों को मिलेगा।
नौकरशाही डेस्क
ध्यान रहे कि बीते दिनों पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ था। माना जाता है कि सवर्ण भाजपा सरकार से नाराज चल रहे थे। कहीं न कहीं उनकी नाराजगी की मुख्य वजह सवर्ण आरक्षण की मांग को लेकर भी थी। इस बाबत बिहार समेत कई राज्यों में भाजपा के नेताओं व मंत्रियों को सवर्ण संगठनों के विरोध प्रदर्शन का समाना भी करना पड़ा था।
मोदी सरकार के इस दांव को 2019 लोकसभा चुनाव में सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बीते साल 2 अप्रैल को दलित आंदोलन के बाद से मोदी सरकार से सवर्ण नाराज चल रहे थे। माना जा रहा है की इसी को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। ताकि आने वाले चुनाव में सवर्ण वोट बैंक को साधा जा सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरक्षण का आधार आर्थिक रखा गया है। कहा जा रहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ये दस फीसदी रिजर्वेशन संविधान के मुताबिक दिए गए 50% के ऊपर होगा। इसके लिए सरकार संविधान में संशोधन कर आरक्षण को 60 फीसदी तक बढ़ाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए मंगलवार को प्रस्ताव लाया जाएगा।
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सड़क के संघर्ष का प्रतीक Yunus Lohia नहीं रहे@RJDforIndia के थे विधान पार्षद@yadavtejashwi— naukarshahi (@naukarshahi) January 7, 2019
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