इस तस्वीर को देखिए.बताइए यह व्यक्ति जिंदा है या मुर्दा. आप कहेंगे जिंदा. लेकिन आप गलत हैं क्योंकि आप विशेषज्ञ नहीं हैं.हैरत में डालने वाला यह मामला आखिर है क्या?

सुरेश मोची: जिंदा हूं मैं
सुरेश मोची: जिंदा हूं मैं

महफूज़ राशिद, बेगूसराय से

एचआईवी एड्स से पीड़ित इन मरीज का नाम है सुरेश मोची. बेगूसराय से हैं. सदर अस्पताल में पिछले 11 नवम्बर से इलाज करा रहे हैं. अब भी जिंदा हैं. पर सदर अस्पताल बेगूसराय के डाक्टरों ने न सिर्फ इन्हें मृत घोषित कर दिया है बल्कि मौत का परवाना यानी मृत्यु प्रमाण पत्र भी इन्हें थमा दिया है.

अस्पताल मे कार्यरत डाक्टरो की लापरवाही और भेद भाव का यह सनसनीखेज मामला 26 दिसम्बर को प्रकाश मे आया . सुरेश मोची को मुर्दा धोषित ही नहीं किया गया बल्कि उन्हें उनकी मौत से संबधित कागजात भी सौप दिया गया.

चिकित्सको की लापरवाही की इस धटना मे मृत धाषित सुरेश मोची अपने धर पर मौजूद हैं. जाहिर है जिंदा हैं, हां बीमारी से परेशान सुरेश मोची डाक्टरों के इस रवैइए से खिन्न भी हैं और उनकी इस लापरवाही और खुदके साथ किये गये भेदभाव पर आक्रोषित भी हैं.

बेगूसराय के डंडारी प्रखंड के मेहा गांव के रहने वाले सुरेश मेाची पिछले कई दिनो तक सदर अस्पताल मे इलाज करा रहे थे , एक दिन अचानक तबियत बिगड़ जाने पर डाक्टरो ने उन्हें मृत धाषित कर की दिया. इस धटना के बाद जब लोगो को जिदां के ,मुर्दा होने की खबर लगी तो लोग भौचके रह गए.

परिजनो का यह आरोप है की सदर अस्पताल मे सही ढंग से इलाज भी नही किया गया. बताया जाता है कि 11 नवम्बर को एड्सरोगी सुरेश मोची को बेगूसराय सदर अस्पताल मे भर्ती कराया गया था.जिसके बाद इनका इलाज लगातार चल रहा था पर अचालक डाक्टर द्वारा मृत धोषित करने की खबर ने सब को सकते मे डाल दिय.
भगवान कहे जाने वाले डाक्टर की इस कृत की आज हर तरफ भर्तसना हो रही है.

इस मामले मे सिविल सर्जन ने एक जांच टीम का गठन किया. इस टीम ने जांच की और पाया कि सुरेश सचमुच में जिंदा हैं. हालांकि जांच टीम ने इस संबध मे अपना प्रतिवेदन आज यानी 3 दिसम्बर को पेश करने वाली है.

By Editor

Comments are closed.


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427