चंडीगढ में दस्वी कक्षा की छात्रा के साथ पांच पुलिसकर्मियों द्वारा कथित रूप से लगातार रेप किये जाने की पूरी कहानी पीड़िता की जुबानी सुनिए.
मेरी उम्र 17 साल है। मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती हूं। मेरे साथ पुलिस वालों ने जबरदस्ती की। उन्होंने मुझे और मेरे मां-बाप को मारने की धमकी दी। पांच पुलिस वाले थे। दो पुलिस वालों ने मेरा बलात्कार किया। एक ने कहा कि तू मेरे साथ छह महीने तक रिलेशन रख नहीं तो मैं तुझे मार डालूंगा।
इस खबर से जुड़ी- रेप के आरोप में पांच पुलिसकर्मी बर्खास्त
बाकी तीन पुलिस वाले मुझे ब्लैकमेल करते और धमकी देते हम पुलिस वालों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मुझे जबरदस्ती गाड़ी में बिठाया और सुनसान जगह पर ले गए। मैंने बलात्कार से पहले भागने की कोशिश की तो मुझे मारा और सिर पर रिवाल्वर लगा दी। …बीच रास्ते में पीसीआर वाले पीछे लग जाते थे और रेप करने के बाद मुझे दवाई खिलाते थे।
न खाने पर मार डालने की धमकी दी जाती। इस डर से में खुदकुशी करने चली थी मगर मेरे भाई ने मुझे बचा लिया। मैं चाहती हूं कि मुझे इंसाफ मिले। पुलिस वालों के नाम जगतार, अक्षय, हिम्मत, सुनील हैं पांचवे
अमर उजाला डॉट कॉम के अनुसार पीड़िता काफी गरीब परिवार से है।
वह अपने बयान में आगे कहती है स्कूल से आने के बाद सेक्टर-15 में एक दुकान पर भी काम करती हूं। गत अक्तूबर में पिता ने शराब पीकर घर में झगड़ा किया तो पीसीआर को कॉल किया गया था।
उसके बाद दशहरे से एक दिन पहले जब मैं रामलीला देखकर लौट रही थी तो पीसीआर पर तैनात अक्षय ने उससे फोन नंबर लिया तब मुझे कोई शक नहीं हुआ। उसके बाद अक्षय मुझे निरंतर तंग करने लगा। उसने अन्य कर्मचारियों को भी मेरा मोबाइल नंबर बांट दिया।
एक बार सितंबर में अक्षय पीसीआर की गाड़ी लेकर उनके पर आया था। आरोपी अक्षय और सुनील ने उसके साथ अपने कमरे, पीसीआर गाड़ी के साथ एक निजी गाड़ी में भी दुराचार किया।
एक बार आरोपी मुझे मुलापुर के जंगलों में भी ले गए और दुराचार किया। सेक्टर-15 से जब काम से मैं वापस लौटती थी तो आरोपी कर्मचारी उसे अपने साथ दुराचार के लिए ले जाते थे। कई बार दुकान के बाहार से और स्कूल के बाद भी ले जाते थे। कई बार मैं अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लेती थी.
इन पांचों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर हिरासत में ले लिया गया है.