भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने का जोखिम लेने वाले नौकर शाह अशोक खेमका अब केंद्री प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं. 22 वर्ष के सेवाकाल में वह 49 बार ट्रांस्फर के शिकार रहे हैं.
उनकी प्रतिनियुक्ति की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है.
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हरियाणा कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं अशोक खेमका.
हाल ही में कैबिनेट सेक्रेटरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को खेमका के हरियाणा सरकार से केंद्र सरकार में तबादले की अनुशंसा की है. अशोक खेमका के खिलाफ हाल ही में हरियाणा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद खेमका के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
इसके अलावा उनके खिलाफ हरियाणा सरकार वाड्रा-डीएलएफ सौदे को रद्द करने को लेकर चार्जशीट भी लेकर आई । उन पर आरोप लगाया गया कि डीएलएफ और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुए डीएलएफ सौदे को रद्द करवाने के लिए खेमका अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर गए.
खेमका ने 15 अक्टूबर, 2012 को रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच हुई डील को रद्द कर दिया था. उनका आरोप था कि इसमें भारी अनियमितता हुई है और इसमें सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ठ वाड्रा को लाभ पहुंचाया गया था.