वार्ता टूटी, अब सरकार व आंदोलनकारी दोनों कर रहे अपनी तैयारी
अब किसान आंदोलन और सरकार के बीच चल रही वार्ता गतिरोध में फंस गई है। आंदोलनकारी अब 26 जनवरी के ट्रैक्टर परेड की तैयारी में लग गए हैं।
कुमार अनिल
आज सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रही वार्ता फंस गई। सरकार के प्रतिनिधि ने साफ कह दिया कि उन्होंने जो प्रस्ताव दिया है, उससे आगे वे कुछ नहीं कर सकते। किसान संगठनों ने पहले ही सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि जब आपके पास नया प्रस्ताव नहीं हैं, तो हम 26 जनवरी के किसान परेड की तैयारी में लगेंगे। किसान नेता बालकरण सिंह ने मीडिया को बताया कि इसपर सरकार ने कहा कि आप अपनी तैयारी करो, हम अपनी तैयारी करेंगे।
उधर किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि वार्ता रुकी नहीं, बल्कि टूट गई है। अब केवल 26 जनवरी की तैयारी करनी है। स्वराज इंडिया ने कहा 26 जनवरी को एक तरफ जवान परेड करेंगे, दूसरी तरफ किसाऩ तिरंगा लेकर निकलेंगे। इस बार का 26 जनवरी समारोह अभूतपूर्व होगा।
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योगेंद्र यादव ने यह भी कहा कि सरकार कह रही है कि वह डेढ़ साल तक के लिए कानून को स्थगित कर सकती है, इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। योगेंद्र ने कहा कि वह तो पहले ही सुप्रीम कोर्ट कह चुका है। सरकार कह रही है कि हम कमेटी बना देंगे। कमेटी वह अपने मन से बनाएगी और कमेटी कल कह देगी कि कानून ठीक है, तो सरकार लागू कर देगी। सरकार कहेगी कि कमेटी ने कहा है, इसलिए हम लागू कर रहे हैं।
उधर आज दिनभर ट्विटर पर चीन को रोको, किसान को नहीं ट्रोंड करता रहा। किसान 26 जनवरी को परेड आयोजित करने का संकल्प दुहरा चुके हैं।
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अब जब सरकार ने साफ कह दिया है कि आप अपनी तैयारी करो, हम अपनी तैयारी करोंगे, तो देखना होगा कि सरकार 26 जनवरी के परेड को किस तरह लेती है। किसान संगठनों ने कुछ चैनलों पर ऐसी खबर दिखाए जाने पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया था कि सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों में मतभेद हो गया है। उन्होंने कहा कि सारे संगठनों का यह फैसला है कि वे तीनों कानून वापस होने तक डटे रहेंगे।