पटना विश्वविकलांग दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह, बेउर स्थित इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एजुकेशन ऐंड रिसर्च के सहसराब्दी–सभागार में, विजेता विशेष–विद्यार्थियों के बीच पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर श्रवण–दोष से पीड़ित ९ व्यक्तियों को नि:शुल्क श्रवण–यंत्र भी प्रदान किए गए।
समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्था के निदेशक–प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि तेज़ी से बदल रही दुनिया में मनुष्यों की जीवन–शैली में भी भारी बदलाव आया है। पैसे की दौड़ भरे युद्ध में इंसान अपना जीवन हार रहा है। रात की नींद और दिन का चैन समाप्त हो रहा है। आनंद का स्थान, तनाव और तैश ने ले लिया है। तेज़ गति ने दुर्घटनाएँ बढाई है। इन सब कारणों से विकलांगता का ख़तरा तेज़ी से बढा है। आधुनिक समाज को इसे गंभीरता से लेना होगा। इसका शीघ्र निदान खोजना होगा। अन्यथा आनेवाला कल मानव–समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक होगा। उन्होंने विकलांगों के पुनर्वास के लिए निरंतर संघर्षशील पुनर्वास–विशेषज्ञों से और भी अधिक श्रम और पुरुषार्थ करने तथा राज्य सरकार से एक अलग विकलांगजन पुनर्वास विभाग सृजित करने का आग्रह किया।
इस तीन दिवसीय समारोह में आयोजित, कला,संगीत और खेल–कूद की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी रहे विशेष–विद्यार्थियों पीयूष कुमार, कौशल कुमार, साहिल कुमार, आनंद कुमार, बंटी कुमार, रोहित कुमार, सुमन कुमारी, मीठी कुमारी, रवि प्रकाश, दिव्या कुमारी तथा चिन्मय कुमार को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर, संस्थान के पुनर्वास विभाग के अध्यक्ष डा अनूप कुमार गुप्ता, सूबेदार मेजर एस के झा, विशेष–प्राध्यापक प्रो कपिलमुनि दूबे, आभास कुमार, प्रो कुमारी पूर्णिमा, डा राजेश कुमार, डा नवनीत कुमार, प्रो रमा मण्डल, समिता झा, संतोष कुमार सिंह तथा विकलांग–बच्चों को संगीत की शिक्षा देनेवाले संगीताचार्य श्याम किशोर समेत बड़ी संख्या में, विशेष विद्यार्थी, संस्थान के शिक्षक एवं छात्रगण उपस्थित थे। आरंभ में विशेष—बच्चों ने स्वागत–गान से अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन किया।