मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को राज्य के विकास की बुनियाद बताया और कहा कि शराबबंदी से जहां एक ओर लोगों का स्वभाव बदलेगा, वहीं दूसरी तरफ उनका व्यवहार और आचरण भी बदलेगा जिससे समाज में सहिष्णुता का माहौल बनेगा।
श्री कुमार ने आज यहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह स्मारक चेयर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘विकास का समाजशास्त्र’’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सामाजिक विकास का सिद्धांत समाज की संरचना और ढ़ांचे में होने वाले गुणात्मक परिवर्तन को रेखांकित करने में सहायक होता है और समाज को उसके लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी अगली पंक्ति में खड़े व्यक्ति के बराबरी में लाने के अपने निश्चय की चर्चा करते हुए कहा कि विकास का लाभ जबतक समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को नहीं मिलता वो विकास बेमानी है।
मुख्यमंत्री ने समाजशास्त्रियों का आह्वान किया कि वे विकास के समाजशास्त्र की दिशा में ठोस अध्ययन एवं विवेचना कर निष्कर्ष निकालें। उन्होंने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में विकास के दावे किये जा रहे लेकिन सच्चाई को आम लोग बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने विकास दर की सूची में भी हेराफेरी की आशंका जतायी। श्री कुमार ने राज्य की सर्वाधिक सफल योजनाओं में से एक साईकिल योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्वरूप में जबर्दस्त बदलाव लाया है और आज बालक और बालिका दोनों की संख्या शिक्षण के क्षेत्र में करीब बराबर हो गयी है।