पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें एक ऐसा बिहार बनाना है, जो अर्थव्यवस्था में अपनी आबादी के अनुपात से ज्यादा बड़ा भागीदार बने। इसके लिए जरूरी है कि राज्य में ऐसा मजबूत नेतृत्व हो, जो तीव्र विकास कर सके। राज्य के हक की लड़ाई लड़ सके। हमें बिहार को उस मुकाम पर ले जाना है, जहां वह देश के विकास में बढ़-चढ़ कर योगदान कर सके। शनिवार को नीतीश ने फेसबुक पर लिखा कि बिहार में आबादी देश की जनसंख्या का लगभग 8.5 प्रतिशत है, लेकिन देश के जीडीपी में राज्य का योगदान प्रतिशत से भी कम है। इस स्थिति को बदलना है।
नीतीश ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है। इसके लिए बिहार की जनता लड़ रही है, परंतु इसपर भाजपा केवल राजनीति कर रही है। भाजपा को न बिहार के विकास से मतलब है, न समाज की समरसता से। उसे किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने हर सभा में साबित किया है कि भाजपा का काम है झूठे वादे करना, अफवाह फैलाना और पूंजीपतियों के दम पर प्रचार करना। नीतीश ने कहा कि हमने कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद बनाया है। अपने संवादों में ईमानदारी से हर बात रखी है। जो सवाल कार्यकर्ताओं के मन में थे, उनका ईमानदारी से जवाब देने का प्रयास किया है। इसलिए इस संवाद ने संगठन में एक नई ऊर्जा का प्रवाह किया है।
श्री कुमार ने कहा कि विरोधी कहते हैं कि जदयू का संगठन मजबूत नहीं है। हमने भी ठान लिया है कि एक ऐसा मजबूत संगठन बना देंगे, जो मुखर होकर बिहार के जन-जन तक पार्टी के सिद्धांत और सुशासन के कार्यक्रम पहुंचा सके और बेबाकी से भाजपा के अफवाह तंत्र का मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि एक-एक कार्यकर्ता हर कदम पर बिहार के विकास में योगदान देगा। राज्य में समरसता बढ़ाने में भी जुटा रहेगा, ताकि कोई दल अपने लाभ के लिए समाज में जहर न घोल सके और लोगों को बांट न सके।
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