मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी को सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजली बताया और कहा कि 350वें प्रकाशोत्सव और चम्पारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने के कारण ही शराबबंदी लागू करने के लिए इस वर्ष को चुना गया है।
श्री कुमार ने पटना के तख्त श्रीहरमंदिर साहिब गुरुद्वारा परिसर में जागृति यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार में शराबबंदी को वर्ष 2016 में इसलिए लागू किया गया, क्योंकि इसी साल गुरू गोविंद सिंह जी का 350 वां प्रकाशोत्सव और महात्मा गांधी के भारत में पहले सत्याग्रह चम्पारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे हुये हैं। राष्ट्रपिता ने संदेश दिया था कि समाज को शराबमुक्त किया जाये ताकि समाज और लोगों का पूरी तरह से विकास हो सके। ऐसे में सरकार ने इसी साल शराबबंदी को लागू करके इन दोनों महान विभूतियों को सच्ची श्रद्धांजली देने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को शराबबंदी से होने वाले फायदे को समझाने के लिए चीन का उदाहरण देते हुये कहा कि एक समय था जब चीन पूरी तरह अफीम के नशे में डूबा हुआ था लेकिन अफीम का परित्याग करते ही वह दुनिया की दूसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया। भारत भी चीन से प्रतिस्पर्द्धा करना चाहता है लेकिन देश के युवा शराब में डूबकर चीन का मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यदि देश को आर्थिक विकास की राह पर तेज गति से दौड़ाना है तो शराबबंदी लागू करना ही होगा। श्री कुमार ने शराबबंदी के खिलाफ बोलने वालों पर तीखा हमला बोला और कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि बड़ा काम करने वालों का लोग पहले मजाक उड़ाते हैं और फिर उसका विरोध करते हैं लेकिन अंत में सभी उनके साथ चलने लगते हैं।