केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक और बीमा कंपनियों जैसे वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए ‘वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक 2017’ को आज मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
इस विधेयक में बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति में समग्र समाधान के प्रावधान किये गये हैं। इसके तहत एक समाधान निगम की स्थापना की जाएगी। विधेयक में कुछ मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जायेगा और कुछ को रद्द किया जायेगा। इससे जमा बीमा एवं क्रेडिट गारंटी निगम अधिनियम 1961 रद्द हो जाएगा और इसके सभी अधिकार समाधान निगम को स्थानांतरित हो जाएगें। समाधान निगम से वित्तीय प्रणाली को स्थिरता और मजबूती मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं के हित और सार्वजनिक पूंजी को सुरक्षा मिलेगी।
अल्पकालिक कृषि ऋण लेने वाले किसानों को तीन लाख रूपये तक का ऋण लेने और एक साल के अंदर इसका भुगतान करने पर अब चार प्रतिशत ब्याज का ही भुगतान करना होगा । सरकार ने ऋण के बोझ से दबे किसानों को राहत देने के उद्देश्य से आज वर्ष 2017..18 के लिए ब्याज रियायत योजना को मंजूरी दी है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में किसानों के लिए ब्याज रियायत योजना के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया । इसके तहत जो किसान कृषि के लिए तीन लाख रुपये तक का अल्प अवधि ऋण लेंगे तथा एक साल के अंदर उसका भुगतान कर देंगे उन्हें सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा । सरकार ने इसके लिए 20339 करोड रूपये का प्रावधान किया है ।