बिहार विधान परिषद की चार सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनाव में तीन सीटों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि एक सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। गया स्नातक सीट से विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, गया शिक्षक सीट के लिए संजीव श्याम सिंह, कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए संजीव कुमार सिंह और सारण स्नातक सीट से वीरेंद्र नारायण यादव निर्वाचित हुए हैं। सारण सीट से वीरेंद्र नारायण सिंह विधान परिषद के लिए पहली बार निर्वाचित हुए हैं। जबकि अन्य तीन सीटों पर उम्मीदवारों ने अपना कब्जा बरकरार रखा है।
वीरेंद्र यादव
इस चुनाव परिणाम का सबसे रोचक पक्ष यह रहा है कि गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार निर्वाचित भाजपा उम्मीदवार अवधेश नारायण सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का समर्थन प्राप्त था। जदयू ने सभापति अवधेश सिंह का चुनाव में विरोध नहीं करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही जदयू कार्यकर्ताओं ने अवधेश नारायण सिंह के पक्ष में प्रचार किया। चुनाव प्रचार के दौरान औरंगाबाद और रोहतास में जदयू कार्यकर्ता भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे थे और यह भी कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री जी का मौखिक आदेश है। गया स्नातक निर्वाचित क्षेत्र में राजद के पुनीत कुमार सिंह और कांग्रेस के उम्मीदवार अजय कुमार सिंह भी मैदान में थे।
पांचवीं बार चुने गए अवधेश
उल्लेखनीय है कि अवधेश नारायण सिंह 1993 से 2005 तक दक्षिण छोटानागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से परिषद थे। तीसरी बार वह गया स्नातक सीट से परिषद के लिए चुने गए थे। यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा। जदयू ने सारण स्नातक और कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र पर भी जीत दर्ज की। सारण स्नातक सीट से वीरेंद्र नारायण यादव और कोसी शिक्षक सीट से संजीव कुमार सिंह जीते हैं। इस प्रकार नीतीश कुमार के तीन उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज की।
उधर गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार निर्वाचित संजीव श्याम सिंह सुशील मोदी के उम्मीदवार थे। तकनीकी रूप से संजीव श्याम उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन व्यावहारिक रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के समर्थन से मैदान में डटे रहे थे। चुनाव के पूर्व भाजपा के कई लोग गया शिक्षक सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश में थे, लेकिन सुशील मोदी के संजीव श्याम सिंह के पक्ष में खड़े रहने के कारण भाजपाइयों का प्रयास निरर्थक रहा।
लालू की करारी हार
कुल मिलाकर परिषद चुनाव में लालू यादव को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि नीतीश कुमार अपने तीनों उम्मीदवारों को जीतवाने में सफल रहे। इसके साथ सुशील मोदी भी अपने उम्मीवार को दूसरी बार परिषद में लाने में सफल साबित हुए।