पटना उच्च न्यायालय ने घर से शराब बरामद होने के मामले में जेल में बंद जनता दल यूनाइटेड(जदयू) की निलंबित विधायक मनोरमा देवी की जमानत आज मंजूर कर ली । न्यायाधीश ए अमानुल्लाह ने श्रीमती मनोरमा देवी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उनकी अर्जी मंजूर कर ली । इससे पूर्व श्रीमती मनोरमा देवी की के वकील वाई वी गिरि ने अदालत में कहा कि विधायक महिला हैं और कानून का पालन करने वाली नागरिक हैं । उन्होंने गया के ए पी कॉलनी स्थित आवास से शराब बरामद होने के मामले में खुद आत्मसमर्पण किया था जबकि बिहार उत्पाद कानून के तहत श्रीमती मनोरमा देवी के खिलाफ मुकदमा दायर करने का पर्याप्त आधार नहीं था ।
श्री गिरि ने कहा कि यह ध्यान देने की बात है कि शराब मनोरमा देवी के पास से नहीं बल्कि उनके आवास से बरामद की गयी थी। न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने विधायक के अधिवक्ता की दलील को स्वीकार करते हुए श्रीमती मनोरमा देवी की जमानत मंजूर कर ली । गौरतलब है कि पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने हाल ही में ऐसे ही एक मामले की सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया था कि किसी व्यक्ति के पास से सिर्फ शराब की बोतल बरामद होने के कारण उसके खिलाफ बिहार उत्पाद कानून के उल्लंघन का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है । इस कानून से संबंधित अधिसूचना में यह कहीं नहीं कहा गया है कि शराब रखना अपराध है ।
जदयू की विधान परिषद सदस्य मनोरमा देवी फिलहाल अपने पति बिंदी यादव और पुत्र रॉकी यादव के साथ केन्द्रीय कारागार गया में बंद हैं । रॉकी यादव के खिलाफ व्यवसायी पुत्र आदित्य सचदेव की सात मई को वाहन को आगे जाने देने के लिये जगह नहीं देने पर गोली मारकर हत्या करने का आरोप है । उसके पिता बिंदी यादव पर अपने पुत्र को फरार होने और मामले का साक्ष्य मिटाने में सहयोग करने का आरोप है ।