बिहार विधानसभा में आज शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव के बीच तीखी नोकझोंक हुयी । विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के डा. रामानुज प्रसाद के तारांकित प्रश्न के दौरान भाजपा के नंदकिशोर यादव ने जब पूरक सवाल किया और मंत्री पर जवाब देने के बजाये नेतागीरी करने का आरोप लगा दिया। इस पर मंत्री श्री चौधरी उखड़ गये और दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुयी । हालांकि सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने दोनों को शांत कराया ।
इससे पूर्व श्री चौधरी ने डा. प्रसाद के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारत सरकार के उपक्रम एचपीसीएल से समय पर पर्याप्त कागज उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण पाठ्य-पुस्तकों की छपायी और वितरण में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए सरकार ने कागज की आपूर्ति के लिए अखिल भारतीय स्तर पर निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया है ताकि पाठ्य-पुस्तकों की समय पर छपायी और वितरण हो सके ।
इस पर भाजपा के नंद किशोर यादव ने कहा कि पिछले वर्ष इसी को लेकर उन्होंने भी सवाल किया था, जिसपर मंत्री का उस समय भी यही जवाब था । उन्होंने कहा कि मंत्री नेतागीरी न करे और बताये कि किन कारणों से अबतक इसमें विलंब हुआ है । इसी के बाद मंत्री और श्रीयादव के बीच तीखी नोकझोंक हुयी । नेता प्रतिपक्ष डा. प्रेम कुमार ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि नंदकिशोर यादव एक वरिष्ठ नेता हैं और उनके साथ मंत्री जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह सही नहीं है । उन्होंने कहा कि पूरा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त है तथा वहां पिछले दिनों 400 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है ।