दुष्कर्म मामले में आरोपित नवादा के निलंबित राजद विधायक राजबल्लभ प्रसाद के पटना के अनीसा बाद स्थित जिस अपार्टमेंट (साईं निलियम अपार्टमेंट) में पुलिस ने मंगलवार को कुर्की जप्ती की उस अपार्टमेंट के निर्माण की कहानी भी हरि अनंत हरि कथा अनंता जैसी है।
विनायक विजेता
इस अपार्टमेंट की जमीन और इस पर हुए निर्माण की अगर जांच हो तो पूर्व मंत्री भोला प्रसाद सिंह और उनके परिवार के लोग की गर्दन फंस सकती है। भोला प्रसाद सिंह वर्तमान में बिहार राज्य नागरिक पर्षद के उपाध्यक्ष हैं और उन्हें राज्य मंत्री का भी दर्जा भी प्राप्त है।
सूत्रों के अनुसार भोला प्रसाद सिंह और उनके पुत्र ने वर्षों पहले सरकार की आद्योगिक विकास नीति क तहत ह्यूम पाइप बनाने का फैक्ट्री खोलने के लिए सरकार से अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी के सेक्टर-ए के पास लगभग सवा दो बीघा जमीन लीज पर लिया था।
कालांतर में यह फैक्ट्री बंद हो गई और इस फैक्ट्री के नाम पर बैंक से लिया गया लोन भी बढ़ता चला गया। बैंक ने इस फैक्ट्री के मालिक को डिफाल्टर घोषित कर केस दर्ज करा दिया। फिर मामला उपरी अदालत तक गया । तब ऊपरी अदालत ने ‘वन टाईम सेटेलमेंट’ यानी बैंक का बकाया दो करोड रुपये एक बार में ही भुगतान करने के बाद फैक्ट्री चालू करने की इजाजत दी।
तब उन्होंने 2009 में कोलकाता की एक अरबपति ‘हावड़ा बिल्डर’ के मालिक से संपर्क किया और सरकारी जमीन पर उस बिल्डर द्वारा छह फ्लोर का अपार्टमेंट बनाने का एग्रीमेंट कर दिया। गौरतलब है साईं निलियम अपार्टमेंट का इलाका एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण ‘रेड डेंजर जोन’ की श्रेणी में आता है जहां बहुमंजली इमारत बनाना मना है। ‘रेड डेंजर जोन’ की श्रेणी में आने के बावजूद कैसे इस बहुमंजली इमारत का निर्माण हुआ यह भी एक गहन जांच का विषय है.