इंडस्ट्रियल फाइनैंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिय के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल राय को पूर्व कैग प्रमुख विनोद राय से दोस्ती महंगी पड़ी.टाइम्स न्यूज नेटवर्क के अनुसार उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
हालंकि इस बात की चर्चा पहले से ही थी कि विनोद राय के रिटायर होते ही अतुल राय का भी पत्ता साफ कर दिया जाएगा. सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अतुल राय ने गुरुवार सुबह वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इसके पहले विनोद राय और अतुल राय ने वित्त मंत्रालय में साथ काम किया था. कैग प्रमुख बनने के पहले विनोद राय वित्त मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी थे. वहीं अतुल राय डायरेक्टर थे और विनोद राय को रिपोर्ट करते थे. अतुल राय ने 2007 में आईएफसीआई जॉइन किया थ. 2012 में इन्हें उसके बोर्ड में नियुक्ति मिली.
यदि राय से इस्तीफा नहीं लिया जाता तो इनका कार्यकाल 2017 में खत्म होता. वित्त मंत्रालय के अधिकारी साफ तौर पर कहते थे कि अतुल राय को कैग प्रमुख विनोद राय के हटते ही इस्तीफा देना होगा.
वास्तव में वित्त मंत्रालय ने दो साल पहले, पहली बार जब अतुल राय की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी किया था तब कैग की रिपोर्ट से यूपीए सरकार परेशान थी. टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोलगेट के साथ ऑइल-गैस अप्रूवल में अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट आ चुकी थी. बाद में सरकार ने आईएफसीआई के ज्यादातर स्टेक अपने कब्जे में ले लिया.
कुछ ही हफ्तों में सरकार ने एक बार फिर से बोर्ड का गठन किया लेकिन एमडी और सीईओ पद में कोई बदलाव नहीं किया था.