सिख धर्म के दसवें गुरू श्री गोविंद सिंह जी महराज के 350वें प्रकाशोत्सव के मौके पर गुरू नगरी पटना साहिब के तख्त श्री हरमंदिर साहब जी के मुख्य द्वार से आज विरासत पद यात्रा निकाली गयी।
बिहार विरासत विकास समिति की ओर गुरू श्री गोविंद सिंह जी महराज के 350वें प्रकाशोत्सव के मौके पर तख्त श्री हरमंदिर साहब जी पटना सिटी के मुख्य द्वार से यह पद यात्रा निकाली गयी। इस पद यात्रा का उद्घाटन करते हुए बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि सिख धर्म में दस गुरू हुए और सबों ने धार्मिक सद्भाव और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। सिख धर्म के दसवें गुरू गुरू श्री गोविंद सिंह जी महराज ने अपने शौर्य और दिव्य ज्ञान के बल पर नए समाज की स्थापना की और जनजागरण को धर्म का पाठ पढ़ाया।
श्री राम ने कहा कि इस पद यात्रा का मुख्य उद्देश्य बाहर से आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मार्गदर्शन और जानकारी देना है। विरासत पदयात्रा लोगों में जन -जागरूकता लाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि बाहर से आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के उत्सुकता और सवालों के जवाब देने के लिए विरासत समिति की ओर से कैडर बनाए गए हैं। पदयात्रा के दौरान कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव आनंद कुमार, बिहार विरासत समिति के बी.के. चौधरी, अतुल वर्मा समेत कई अन्य लोग भी मौजूद थे।