बिहार में प्रचंड गर्मी के बीच जनता परिवार के विलय का मुद्दा जहां टल गया है वहीं राजद- जदयू के बीच विधानसभा चुनाव के लिये होने वाले गठबंधन में भी गतिरोध आ जाने से राज्य में राजनीतिक तपिश भी काफी बढ़ गयी है।
जदयू ने राजद के साथ विलय पर ग्रहण लगने की बात को स्वीकार तो कर ली है और अब इन दोनों दलों के बीच गठबंधन पर भी संशय के बादल मंडरा रहे है । हालांकि दोनों दलों के कुछ वरिष्ठ नेता अभी भी गठबंधन की उम्मीदें लगाये हुए है। मुख्यमंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बीच कल बैठक होनी थी, जो नहीं हो सकी । बैठक में श्री कुमार और श्री यादव के नहीं आने के संबंध में दोनों दलों की ओर से कुछ बताया भी नहीं गया है। हालांकि कल देर शाम जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और राजद अध्यक्ष श्री यादव के बीच मुलाकात हुयी। इसके बाद जदयू अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री कुमार के आवास पर भी गये और उनसे काफी देर तक बातचीत की । हालांकि आधिकारिक तौर पर बातचीत का ब्योरा नही मिल पाया है ।
इन सबको देखते हुए जदयू ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है । तीन से सोलह जून तक मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री कुमार जदयू के सभी जिलाध्यक्षों के साथ अपने सरकारी आवास पर बैठक करेंगे। भाजपा के कथित दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिये 24 से 30 जून तक गांवों में चौपाल लगाया जायेगा। इसी तरह कई अन्य कार्यक्रम भी बनाये गये है । राजनीतिक गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री श्री कुमार ने आज स्पष्ट किया कि इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये उनकी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन होना तय हो गया लेकिन राजद के साथ गठबंधन पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है ।