जेएनयू विवाद और पटियाले हाउस कोर्ट में हिंसा को मामूली बता कर देश भर में आलोचना के शिकार दिल्ली पुलिस आयुक्त का नाम सूचना आयुक्त के दावेदारों में से हटा दिया गया है.
एनडीटीवी के अनुसार सरकार दिल्ली पुलिस कमिशनर बीएस बस्सी का नाम सूचना आयुक्त के दावेदारों की लिस्ट से हटाने पर राजी हो गयी है.
इस बीच जब यह चर्चा चली थी कि बस्सी को सूचना आयुक्त बनाया जा सकता है तो इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सूचना आयुक्त सैलेश गांधी ने कहा था कि अगर बस्सी को सूचना आयुक्त बनाया जाता है तो यह लोकतंत्र के लिए दुखद दिन होगा.
कहा जा रहा था कि बस्सी को इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होना है और वह सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदकों में से एक थे। दिल्ली पुलिस के मुखिया के रूप में बस्सी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ख़ासी टक्कर झेलनी पड़ी है। केजरीवाल ने बस्सी पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह केंद्र का आदेश पर दिल्ली सरकार को कमज़ोर करने के काम में लगे हुए हैं।
गौर तलब है की बीएस बस्सी पुलिस कमिशनर के पद से 29 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं. इस बीच में जेएनयू में देशद्रोह के मामले में जेएन यू के दस छात्रों पर एफआईआर दर्ज करने पर सख्त आलोचना का शिकार बनाया जा रहा है. बस्सी उस समय और कड़ी आलोचना की जद में आ गये जब पटियाला हाउस कोर्ट में कुछ वकीलों ने पत्रकारों, जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया समेत कई शिक्षकों को पीटे जाने को मामूली झगड़ा बताया. उन पर आरोप लगे कि वह सूचना आयुक्त का पद पाने के लिए केंद्र सरकार के एजेंट के तौर काम कर रहे हैं.