15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह ने आज कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने का विषय आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर है और एक स्वतंत्र मूल्यांकन कर इसे समझा जाना चाहिए कि राज्य विशेष दर्जा पाने का हकदार है या नहीं।
श्री सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रथम वित्त आयोग से लेकर 15वें वित्त आयोग को यह निर्णय लेने का अधिकार नहीं था कि किस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद् (एनडीसी) के एक कार्यपालक आदेश के अनुसार ही किस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिला या नहीं मिला इसका निर्णय हुआ।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि देश में असम पहला प्रदेश था, जिसे विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। बाद में जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि 15वां वित्त आयोग अभी तक देश के दस राज्यों का दौरा कर चुका है और बिहार 11वां प्रदेश है।