कर्नाटक के आईजी पुलिस( होमगार्ड) बी गोपाल होसर ने वोलंटरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन दे दिया है और उनका रिटायरमेंट 31 दिसम्बर से स्वीकार भी हो गया है.
वह पिछले 34 सालों से भारतीय पुलिस सेवा में थे. हालांकि होसर का कार्यकाल 31 मार्च 2014 तक था. लेकिन इस बीच होसर ने मीडिया में आ रही इन खबरों का खंडन किया है कि उन्हें साइडलाइंड कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिदारमैया से उनके संबंध काफी अच्छे रहे हैं.
होसर वही आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें कुख्यात वीरप्पन गिरोह के साथ मुठभेड़ के लिए जाना जाता है.
1993 में हुए मुठभेड़ में होसर गंभीर रूप से घायल हो गये थे और लगातार छह महीने तक अस्पताल में रहे. इस मुठभेड़ के बाद होसर का नाम कर्नाटक के घर घर में मशहूर हो गया था.
2004 तक केरल, कर्नाटक और तमिल नाडु में वीरप्पन गिरोह का जबर्दस्त आतंक था. उसका साम्राज्य तीनों राज्यों के जंगलों में फैला हुआ था. उसकी अपनी फौज थी जिसे चुनौती देना तीनों राज्य सरकारों के लिए काफी कठिन थी.
आईपीएस होसर ने वीरप्पन से सीधा मोर्चा लिया और उसके कई साथियों को मार गियाया था. उनकी इस कार्रवाई में होसर गंभीर रूप से घायल हो गये थे. उसके बाद कर्नाटक के घर घर में होसर के लिए दुआ की गयी थी. कोई छह महीने तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद होसर ठीक हो सके थे.
लेकिन अपनी सेवा के छह महीने पहले रिटायरमेंट ले लेने के पीछे माना जा रहा है कि सरकार ने उनकी अनदेखी की और उन्हें उनके सम्मान के अनुरूप पद दिया. हालांकि होसर ने कहा है कि वह निजी कारणों से रिटायरमें ले रहे हैं.