विधानसभा का बजट सत्र कल समाप्‍त हो रहा है। सत्र समाप्ति की पूर्व संध्‍या पर विधान सभा स्‍पीकर विजय कुमार चौधरी ने अपने आवास पर आज रात एक भोज का आयोजन किया है। इसका मकसद महीना भर के शोर-शराबा और हंगामे के बाद लजीज व्‍यंजन से ‘मन का मैल’ साफ करने का प्रयास भी हो सकता है। केंद्र से लेकर पटना तक की सरकार ‘स्‍वच्‍छता’ पर खास ध्‍यान दे रही है। वैसी भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने सत्‍तारूढ नेताओं को ‘रगड़-रगड़ कर धोने’ की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं। यानी दोनों पक्ष साफ-सफाई पर खास ध्‍यान दे रहा है। तो स्‍पीकर ने भी भोज के बहाने अपनी ओर से ‘भाईचारा’ की कोशिश की।

वीरेंद्र यादव, विधान सभा से

आज हम विधान सभा पहुंचे तो भोज की जानकारी मिली। तो हम भी भोज में ‘एंट्री’ मारने की राह तलाशने लगे। कई दरवाजे पर छान मार आये, लेकिन राह नहीं मिली। लेकिन राह बंद होने के कारण जल्‍द ही समझ में आ गयी। विधान सभा के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भोज में मंत्री, विधायकों के अलावा विधान सभा प्रेस सलाहकार समिति के सदस्‍यों को आमंत्रित किया गया है। उनके लिए अलग से ‘भोज एंट्री’ कार्ड भी जारी किया गया है। इसी ‘भोज एंट्री’ कार्ड के अभाव में वीवीआईपी भोज का मौका बिना गांठ के पगहा के तरह हाथ से निकल गया। इसके साथ ही एक बेहतर न्‍यूज का मौका भी चूक गया।

इस बीच हम ‘राजा के दरबार’ की बैठकी में शामिल हो गये। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एक पुस्‍तक पढ़ रहे थे। उसके अवलोकन के बाद टेबुल पर रखी पत्रिका ‘यथावत’ को देखकर उन्‍होंने पूछा कि यह किनकी पत्रिका है। इसके जवाब में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह रवींद्र किशोर सिन्‍हा की पत्रिका है। इसी बीच हमने ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ का अप्रैल अंक मुख्‍यमंत्री को अवलोकनार्थ दिया। उन्‍होंने थोड़ी देर पढ़ने के बाद कहा कि आप तो लिखते ही रहते हैं, लिखते रहिए। इसी बातचीत के क्रम में मुख्‍यमंत्री विधान परिषद की कार्यवाही में हिस्‍सा लेने के लिए अपने कक्ष से बाहर निकले। हम भी अपना झोला पीठ पर लटका कर दरवाजे की ओर बढ़ लिये।

By Editor


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