सूचना और प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सोशल मीडिया सरकार की संचार आवश्यकताओं तथा प्रधानमंत्री के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के विजन को क्रियान्वित करने का शक्तिशाली माध्यम है. यह सुधारकारी परिवर्तन लाने का महत्वपूर्ण माध्यम और उभरते नए भारत के लिए उत्प्रेरक है. सरकार के लिए यह संचार प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम इंद्रधनुष की तरह है, जिसमें नए उभरते भारत की तस्वीर देखी जा सकती है.
नौकरशाही डेस्क
प्रेस इंफॉरमेशन ब्यूरो तथा इंस्टाग्राम द्वारा दिल्ली में संयुक्त रूप से आयोजित इंस्टाग्राम पर कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कि सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री स्वयं सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहते हैं और फेसबुक, ट्वीटर तथा इंस्टाग्राम पर विश्व के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले नेताओं में से हैं. सोशल मीडिया नीति निर्माताओं को कार्रवाही योग्य सूचना और इनपुट प्रदान करता है, ताकि बेहतर निर्णय लिए जा सकें. नए डिजिटल युग में नागरिकों को महज सूचना से संतोष नहीं, बल्कि सूचना प्रदान करने की शीघ्रता और सूचना देने के तरीके से नागरिक संतुष्ट होते हैं. आज सोशल मीडिया कार्रवाही को आकार दे रहा है और समाचार चैनलों तथा समाचार पत्रों में विमर्श का विषय तय कर रहा है.
बता दें कि इंस्टाग्राम ने एशिया में पहली बार ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया है. कार्यशाला का उद्देश्य इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म की विशेषताओं और एप्लीकेशनों से सरकारी अधिकारियों को परिचित कराना है, ताकि सोशल मीडिया पर सरकार बेहतर संवाद कर सके और पहुंचे. इंस्टाग्राम की भूमिका की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि यह माध्यम नागिरकों तथा अन्य हितधारकों से विजुअल रूप से जुड़ने का सरकार के लिए उचित स्थान बन गया है. उन्होंने कहा कि विज्यूअल तस्वीरों के माध्यम से त्यौहारों, संस्कृतिक आचार, क्षेत्र विशेष परिधान से भारत के विविध रंगों को देखा जा सकता है.
शासन संचालन में सोशल मीडिया के अवसरों और चुनौतियों की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि नए विश्व में लोग जिस तरह से एक-दूसरे से संवाद कर रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार को सफल होने के लिए नए तरीके से संचार के प्रयास करने चाहिए. सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि भारत सरकार कामकाज में सोशल मीडिया के सृजनात्मक और प्रणालीगत उपयोग के लिए संस्थागत रूप देने की दिशा में काम कर रही है. इस कार्यशाला में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन राठौर, पीआईबी के प्रधान महानिदेशक फ्रैंक नोरोन्हा तथा मंत्रालय और पीआईबी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.