चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज, पंजाब के छात्र सुबोध कुमार आपकी वेबसाइटों की संचालन प्रक्रिया में खामी या चूक की ओर आपका ध्यान आकर्षित कर आगाह करते हैं और उन खामियों के निराकरण के उपाय भी बताते हैं । इस काम में पटना पुलिस ने उनकी मदद लेने का भरोसा भी दिलाया है ।
वीरेंद्र यादव
बिहार के नालंदा जिले के मूल निवासी सुबोध का मानना है कि साइबर क्राइम की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है । अपराध की नयी विधि पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गयी है । वेबसाइट, इमेल आदि के हैक करने की प्रवृत्ति काफी खतरनाक हो गयी है। लेकिन इसके साथ यह सच है कि ऐसे किसी हादसे के लिए यूजर भी कम जिम्मेवार नहीं होते हैं । यूजर या संचालक या मोडेरेटर वेब जगत की छोटी-छोटी तकनीकी के जानकार नहीं होते हैं। इस कारण साइट या इमेल संचालन या निर्माण के क्रम में ही कोई ऐसी चूक हो जाती है, जिससे हैकरों का काम आसान हो जाता है।
सुबोध का कहना है कि इथिकल हैकर एक नया जॉब ऑप्शन है वेब जगत में। ये लोग किसी के भी वेबसाइट पर जाकर उसके अंदर में संभावित खामियों या चूक का पता लगाते हैं और यूजर को यह सचेत करते हैं । वह कहते हैं कि यह काम एंटी हैकिंग सोसाइटी करती है। यह प्रमुख रूप से दो काम करता है। पहला है नेटवर्क सिक्यूरिटी और दूसरा है बग फाइडिंग । किसी भी संचालक के लिए दोनों का होना आवश्यक है । व्यावसायिक वेबसाइटों के लिए इस प्रकार की सुरक्षा बहुत जरूरी है। अभी हाल ही में एक नेता और महिला पत्रकार के अंतरंग तस्वीरों का वायरल हो जाना भी इसी तरह की चूक की निशानी है।
सुबोध को अभी हाल ही में पटना पुलिस ने उनके तकनीकी सहयोग और साइबर क्राइम की गुत्थी सुलझाने की उनकी पहल का स्वागत किया है। सीटी एसपी पटना आशीष भारती ने सुबोध कुमार को दिए प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि साइबर सिक्योरिटी के संबंध में आयोजित सेमिनार में वेबसाइट में बग की खोज की तकनीकी और तरीके बताकर पुलिस की बड़ी मदद की है। यह कार्य काफी सराहनीय है।
वेबजगत के लिए काम कर रहे सर्च एंड डिफेंस आर्गेनाइजेशन से जुड़कर इस दिशा में काम कर रहे हैं । इस दौरान क्लासमेट साक्षी अरोड़ा और साथी शक्ति मान राही का काफी सपोर्ट मिल रहा है । सुबोध को उम्मीद है कि वह बग एंड सिक्यूरिटी के क्षेत्र में बेहतर काम करेंगे और वेबजगत को सार्थक सहयोग कर सकेंगे ।