जनता दल यू, राष्ट्रीय जनता दल और भाजपा एक दूसरे के नेताओं को अपने दल में शामिल करने के अभियान में जुटे हैं. नेताओं की राजनीतिक निष्ठा और आया राम गया राम के उनके रवैये से वोटर चकित हैं.ramvilas.kripal

IRSHADUl HAQUE

गुजरात दंगों के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा देने का स्वांग करने वाले रामविलास पासवान कब धर्मनिरपेक्ष और कब हिंदुत्व के अलमबरदार हो जाते हैं वोटरों के समझ कभी नहीं आया. इसी तरह मोदी को पानी पी पी कर कोसने वाले रामकृपाल महज एक लोकसभा टिकट क लिए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के चरणों में झुक कर आशीर्वाद लेने लगते हैं. इतना ही नहीं जिंदगी के 80 साल माथे पर तिलक लगा कर भाजपा की सेवा करने वाले ताराकांत झा, नरेंद्र मोदी को दुश्मन घोषित करने वाली पार्टी जनता दल युनाइटेड में अपनी वफादारी झोंक देते हैं.

नये घटनाक्रम में भाजपा विधायक संतोष कुशवाहा और भाजपा से जुड़े निर्दलीय विधान पार्षद मनोज सिंह शुक्रवार को जदयू में शामिल हो गये. एक अणो मार्ग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी.

इससे पहले जद यू के अनेक नेता भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और सांसद रामकृपाल यादव भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं.

जद यू छोड़ कर भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओं में छेदी पासवान और वीरेंद्र कुमार चौधरी के नाम शामिल हैं.

चुनावों के मौसम में यूं तो पार्टियों और आस्था की अदलाबदली सामान्य सी घटना बन चुकी है लेकिन कई बड़े और वैचारिक रूप से परिपक्व नेताओं की राजनीतिक आस्था का बदलना हैरान करने वाला है. कल तक सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म में आस्था जताने वाले रामकृपाल यादव का भाजपा में जाना या कांग्रेस के बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष महबूब अली कैसर का एलजेपी के बरास्ते एनडीए में शामिल होना लोगों को चकित कर गया.

वहीं राजद से अख्तरुल ईमान का जदयू में शामिल होना इसलिए भी ध्यान खीचता है क्योंकि यह वही अख्तरुल ईमान हैं जिन्होंने किशनगंज में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के लिए जमीन के लिए राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था और नीतीश सरकार की आलोचना की थी. दूसरी तरफ राजद के गुलाम गौस ने अपने पूरी राजनीतिक जिंदगी राजद के साथ गुजार दी लेकिन लोकसभा के टिकट के लिए रांतोरात वह नीतीश कुमार के भक्त बन गये.

भाजपा के एक और नेता, जिन्होंने अपनी पूरी राजनीतिक जिंदगी हिंदुत्व के लिए समर्पित कर रखी थी अचानक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का उनका एजेंडा महज लोकसभा टिकट के लिए रांतोरात बदल गया. यह नेता हैं ढ़ाका के विधायक रहे अवनीश कुमार सिंह. अवनीश पुर्वी चम्पारण से जद यू के टिकट पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

ऐसे दर्जनों नाम हैं जिनके आया राम गया राम फितरत से वोटरों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया है.

By Editor


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