बिहार में बैंकों का साख जमा अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहद कम होने पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि वह इस संबंध में केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिलकर शिकायत करेंगे। श्री सिद्दिकी ने बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के बृज किशोर बिंद के तारांकित प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया कि राज्य में कार्यरत व्यवसायिक बैंकों का साख जमा अनुपात बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नीति निर्धारित की है कि कामकाज के आधार पर बैंकों को अंक दिया जायेगा और जिन बैंकों का 35 से कम अंक होगा, वहां सरकार अपने विभाग और निगमों का पैसा जमा नहीं करायेगी ।
विधान सभा में वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी का जवाब
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक होती है, उसमें भी बैंकों से साख जमा अनुपात सुधारने के लिए कई बार कहा गया है। बावजूद इन सबके साख जमा अनुपात में बिहार राष्ट्रीय औसत से अभी भी काफी पीछे है । उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो वह केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिलकर इस संबंध में शिकायत करेंगे ।
श्री बिंद ने कहा कि बिहार में कार्यरत बैंकों में केवल उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक , मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और बिहार ग्रामीण बैंक का मुख्यालय बिहार में है और इसमें सरकार का हिस्सा 15 प्रतिशत है, जबकि अन्य किसी बैंकों में बिहार सरकार का कोई हिस्सा नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार लगभग 90 से 95 प्रतिशत राशि अन्य बैंकों में जमा करती है। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि क्या वह शत-प्रतिशत राशि बिहार के ग्रामीण बैंकों में रखने का विचार रखती है । इस पर वित्त मंत्री श्री सिद्दिकी ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है।