व्यापम घोटाले और ललित मोदी प्रकरण पर विपक्ष के निशाने पर आयी भाजपा में वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा पार्टी के कामकाज में पारदर्शिता को लेकर लिखे गए पत्र से हड़कंप मच गया है।
श्री कुमार ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर व्यापम घोटाले का उल्लेख किया है और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पार्टी में लोकपाल जैसी व्यवस्था बनाने की मांग की है। वह भाजपा के ऐसे पहले प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने इन मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर राय जताई है। विपक्ष मोदी सरकार के दागी मंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रहा है, जिसे पार्टी खारिज कर चुकी है और उसने विपक्ष के आक्रामक तेवरों का डटकर मुकाबला करने की रणनीति बनायी है। श्री कुमार ने संसद परिसर में इस पत्र के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने इसमें अपने मन की व्यथा व्यक्त की है। वह पत्र के एक-एक शब्द पर कायम हैं। उन्हें पार्टी के बारे में जो कुछ कहना था वह पत्र में लिख चुके हैं।
भाजपा नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा कि श्री कुमार एक सुलझे हुए नेता हैं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के दुष्प्रचार से प्रभावित होकर यह पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी राय से पूरी तरह असहमत है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कांगड़ा से लोकसभा सदस्य श्री कुमार ने व्यापम घोटाले और ललित मोदी प्रकरण पर विपक्ष के हमलों के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष से एथिक्स कमेटी बनाने की मांग की है, जो लोकपाल की तरह काम करे। उन्होंने कहा कि हाल में उजागर हुए विवादों और नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से उन्हें दुख हुआ है क्योंकि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है।