मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन इससे संबंधित नये कानून में संशोधन की जरूरत होगी तो वह किया जायेगा । श्री कुमार ने पटना में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान नये शराबबंदी कानून में बदलाव के संबंध में लोगों के सुझावों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं, जिसमें बदलाव संभव नहीं है । राज्य में शराबबंदी कानून लागू की गयी है और उसकी पृष्ठभूमि पुरानी है। उन्होंने कहा कि जगह-जगह पर महिलाओं की ओर से शराबबंदी की मांग उठती थी और इसमें पुरूष भी शामिल रहते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शराबबंदी के पक्ष में शुरू से ही थे। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी वर्ष 1977 में जननायक कर्पूरी ठाकुर द्वारा लागू की गयी थी, लेकिन यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पायी। हरियाणा में भी शराबबंदी लागू की गयी थी लेकिन वहां भी यह असफल रही । उन्होंने कहा कि गुजरात में शुरू से शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां के लोगों के अनुसार होम डिलिवरी की सुविधा उपलब्ध है। श्री कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी तैयारी के बाद लागू की गयी और इसके लिये जबरदस्त अभियान भी चलाया गया । घर-घर शराबबंदी का संदेश पहुंचाया गया ।
इस मौके पर वित मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव वित रवि मितल, प्रधान सचिव वाणिज्यकर सुजाता चतुर्वेदी, प्रधान सचिव नगर विकास चैतन्य प्रसाद समेत कई अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे ।