नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के वैज्ञानिक विशलेषण कराये जाने के सुझाव को वह स्वीकार करते हैं और इसका वैज्ञानिक अध्ययन कराया जायेगा ।
श्री सत्यार्थी ने विधान परिषद के उपभवन सभागार में आयोजित अपने अभिनंदन समारोह में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने राज्य में शराबबंदी के वैज्ञानिक विशलेषण कराने का उन्हें सुझाव दिया है, जिसे वह स्वीकार करते हैं । शराबंबदी का वह वैज्ञानिक अध्ययन करायेंगे । उन्होंने कहा कि बिहार से उनका गहरा संबंध रहा है । नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि बिहार एक ऐसी धरती है, जिसे पूरे देश और दुनियां ने प्रेरणा ली है । गणतंत्र की धरती वैशाली पर गर्व किये बिना हम लोकतंत्र की बात नहीं कर सकते । उन्होंने कहा कि नालंदा के बिना उत्कृष्ट ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है ।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि वर्ष 1973 में किसी व्यापक मुद्दे पर बातचीत के लिये यदि वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण से मुलाकात के लिये नहीं आये होते तो उन्हें यह प्रेरणा नहीं मिलती । बिहार की धरती को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन बच्चों को भी नमन करता हूं जिन्हें उन्होंने मुक्त कराया है । नोबेल पुरस्कार विजेता ने बिहार के संबंध में तीन बातों पर बल दिया और कहा कि पहले 15 साल तक आते-आते लड़कियां स्कूलों से दूर होने या फिर छेड़खानी के डर से स्कूल छोड़ देती थी । अब गांव की लड़कियां समूह में साइकिल चलाते हुए स्कूल जाती है, जिससे उनके सशक्तिकरण एवं आत्म विश्वास में हुयी वृद्धि का पता चलता है । उन्होंने कहा कि मुक्त कराये गये बच्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रूपये मिलने से इसका लाभ हजारों बच्चों को मिलेगा । मुख्यमंत्री की यह योजना स्वागत योग्य है और इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार को बधाई दी है ।