मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नये शराबबंदी कानून में बदलाव किये जाने का संकेत दिया और कहा कि कानून में बदलाव होते रहता है तथा संविधान में सैकड़ों बार अब तक संशोधन हो चुका है। इसलिए इस कानून पर भी लोग अपना सुझाव दे सकते हैं ।
लोगों से मांगा सुझाव
श्री कुमार ने पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कुशवाहा पंचायत प्रतिनिधि सम्मान समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा कि कानून में बदलाव होते रहता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह से शराबबंदी को लेकर उन पर तंज कसा जा रहा है, ठीक उसी तरह से जब महिलाओं को पंचायत में आरक्षण का प्रावधान किया गया था, तब भी उनका मजाक उड़ाया गया था । श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर कुछ लोगों का सुझाव प्राप्त हुआ है । सुझाव में कहा गया है कि रक्त जांच के बाद ही संबंधित व्यक्ति की गिरफ्तारी हो । उन्होंने कहा कि लोगों से मिले इस सुझाव पर विचार किया जा रहा है और इसे लागू किया जायेगा ।
थानेदारी छोड़ सकते हैं दारोगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये शराबबंदी कानून को कड़ाई से लागू करने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है लेकिन थाना प्रभारी इसे लागू करने में काम के दबाव का हवाला देकर शिथिलता बरत रहे हैं और थाना प्रभारी की जिम्मेवारी से अपने को अलग करना चाह रहे हैं । उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून सबके लिए है और जो थाना प्रभारी इसे लागू नहीं करना चाहते हैं। वह अपने को थाना प्रभारी की जिम्मेवारी से अपने को अलग कर सकते हैं । श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी का विरोध करने वाले प्रदेश को ही समाप्त कर देंगे । केवल आलोचना करने से काम नहीं चलेगा । उन्होंने कहा कि सिर्फ कहने भर के लिए प्रदेश में शराबबंदी लागू नहीं की गयी है और जो लोग इसके खिलाफ है वो सरकार के हर अच्छे काम को दबा दे रहे हैं । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि बापू को श्रद्धांजलि देने के लिए शराबबंदी लागू किया गया ।