बिहार में शराबबंदी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के लिए कड़े कानून बनाये थे. शराबबंदी कराने की यकीनन जिम्मेवारी है पुलिस प्रशासन की है. मगर जब प्रशासन ही शराब के सौदागर बन जायें, तो शराबबंदी कानून का क्या हश्र होगा. समझा जा सकता है. शायद सही वजह है कि विपक्ष बिहार में शराबबंदी के तौर तरीके पर सवाल उठाते रहे हैं और शराब की होम डिलेवरी का भी आरोप लगाते रहे हैं.
नौकरशाही डेस्क
मगर, इस बार शराब बेचते खुद थानेदार धरा गए हैं, जो शराबबंदी में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाले हैं. मिल रही सूचना के अनुसार, गोपालगंज में एसपी ने थानेदार को शराब बेचते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. गोपालगंज एसपी राशिद जमां ने बैकुंठपुर थानाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण महतो को शराब बेचने के आरोप में जहां रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया.
थानेदार के साथ इस मामले में एक एएसआई सुधीर कुमार को भी हिरासत में लिये जाने की खबर है. दोनों के ऊपर थाना परिसर से ही जब्त शराब को बेचने का आरोप है. सूत्र बताते हैं कि एसपी राशिद जमा को सूचना मिली थी कि बैकुंठपुर थानाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण महतो जब्त की गई शराब की डिलिवरी कर रहे हैं. इसी सूचना पर एसपी देर रात बैकुंठपुर थाना पहुंचे और कार्रवाई की.
एसपी ने बताया कि वे खुद रातभर मामले की जांच कर सुबह गोपालगंज वापस लौटे हैं. उन्होंने विभागीय आला पदाधिकारियो को मामले की सूचना दे दी है. आगे विभागीय कार्रवाई के साथ ही शराब अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. मालूम हो कि गोपालगंज यूपी से सटा इलाका है जहां आए दिन शराब की खेप पकड़ी जाती है. यूपी से सीमा सटी होने के कारण तस्कर आसानी से शराब की स्मगलिंग को अंजाम देते हैं.