नोटबंदी और शराबबंदी के बाद अब पूरे देश में दंगाबंदी भी लागू होना चाहिए. ऑल इंडिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने दंगाबंदी का आह्वान करते हुए कहा है कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर का भी यही सपना था कि समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा की गारंटी देश सरकार को लेनी होगी.
सोमवार को आल इंडिया युनाटेड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता कमाल अशरफ राइन ने पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रेवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट के तहत एससी व एसटी को कानूनी तौर पर यह कवच मिला हुआ है कि उनके खिलाफ होने वाले जुल्म को इसके तहत रोक लगे.
अशरफ ने कहा कि दंगामुक्ति के लिए अलग से कोई नया कानून लाने के बजाये इस एक्ट में ही कमजोर वर्गों के मुसलमानों को शामिल कर लिया जाये.
10 अगस्त को पटना में सम्मेलन
प्रेस कांफ्रेंस में मोर्चा के महासचिव मुश्ताक आजाद ने ऐलान किया कि मोर्चा की तरफ से 10 अग्सत को आशियाना रोड स्थित जकात भवन में सामाजिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इस बात की मांग मजबूती से की जायेगी. इस सम्मेलन की अध्यक्षता ऋषि बाबा शशिकांत करेंगे. इस समारोह में मोर्चा के राष्ट्रीय अध्क्ष व पूर्व सांसद डा. एम एजाज अली मुख्य अतिथि होंगे.
मोर्चा के नेता फिरोज मंसूरी ने कहा कि आज देश की कुछ पार्टियां दंगा भड़का कर वोट लेना चाहती हैं तो कुछ पार्टियां दंगा रोकने के नाम पर वोट लेती हैं. उन्होंने कहा कि मोर्चा ऐसी राजनीति के सख्त खिलाफ है और चाहता है कि दंगों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये ताकि समाज में शांति और विकास आ सके.
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए असगर अली खान ने कहा कि जिस तरह से नोटबंदी और शराबबंदी जैसे उपाय किये गये हैं उसी तरह दंगाबंदी भी पूरे देश में लागू होना समय की मांग है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं है. प्रेस कांफ्रेंस में जावेद अनवर भी मौजूद थे