राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को ऐतिहासिक, साहसिक और सामाजिक सुधार की दिशा में अत्यन्त क्रांतिकारी निर्णय बताया है। श्री कोविन्द ने राजधानी के श्रीकृष्ण स्मारक भवन में आचार्य महाश्रमणजी की अहिंसा-यात्रा के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ण शराबबंदी का राज्य सरकार का निर्णय ऐतिहासिक, साहसिक और सामाजिक सुधार की दिशा में लिया गया अत्यन्त क्रांतिकारी निर्णय है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने शराबबंदी से संबंधित बिल को बहुत सोच-समझकर अपनी मंजूरी प्रदान की थी। इसे लागू करने के पीछे सरकार का नेक इरादा था और इसका उद्देश्य व्यापक जन-कल्याण था, इसीलिए इसके कार्यान्वयन की स्वीकृति उनके द्वारा प्रदान कर दी गई। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को नशाबंदी के साथ-साथ अपने अहंकार के नशे का भी परित्याग करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि बिहार ज्ञान, कर्म, चरित्र, नैतिकता, दर्शन, धर्म -सबसे परिपूर्ण एक विपुल वैभवशाली और गौरवशाली प्रदेश रहा है। यह जैन और बौद्ध धर्मों का तो जन्मस्थल ही रहा है। सिक्खों के दशमेश-गुरू गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्मोत्सव को इस वर्ष ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में आयोजित कर, बिहार ने पूरी दुनियां के सामने आतिथ्य के प्रति अपनी गहरी निष्ठा को प्रकट किया।