सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी पर अपने विरोधियों द्वारा आक्रमण करने के हर हथियार को ध्वस्त करने में लगे हैं. इस कड़ी में उन्होंने राज्य में शराब बनाने पर भी रोक लगा कर विरोधियों के आखरि दांव को भी चित कर दिया है.
राजगीर में हुई कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 31 मार्च के बाद राज्य में शराब बनाने वाली फैक्ट्रियों के लाइसेंस का रिन्युअल नहीं किया जायाेगा. इस फैसले का मतलब हुआ कि 31 मार्च 2017 के बाद राज्य की शराब फैक्ट्रियां शराब नहीं बना सकेंगी. गौरतलब है कि बिहार में शराब की 21 फैक्ट्रियां हैं. इनमें से 12 फैक्ट्रियों में विदेश शराब का निर्माण होता है. जबकि तीन में बियर और बाकी छह में स्पीरिट बनाया जाता है.
गौरतलब है कि 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद भाजपा समेत तमाम विपक्षी दल यह मांग कर रहे थे कि जबि राज्य में शराबबंदी लागू कर दी गयी है तो फिर शराब की फैक्ट्रियां क्यों नहीं बंद कर दी जातीं. लेकिन मंगलवार को कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब तय हो गया है कि शराब निर्माण भी राज्य में प्रतिबंधित हो जायेगा.
हालांकि करोड़ों की लागत वाली इन फैक्ट्रियों को सरकार ने विकल्प दिया है कि अगर वे कोई दूसरे पेय बनाना चाहें तो सरकार इसमें मदद कर सकती है. लेकिन हो सकता है कि ये कम्पनियां इस मामले को अदालत में ले जायें क्योंकि उनका यह तर्क हो सकता है कि फैक्ट्रियां बंद होने से उनको भारी नुकसान के अलावा इस काम में जुटे लोगों के रोजगार पर भी असर पडे़ागा.