समीक्षा बैठक में आयुक्त के समक्ष पटना प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिलों के जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा हाल के दिनों में शराबबंदी को लेकर की गयी छापेमारी, गिरफ्तारी, शराब की जब्ती, वाहन, भूमि, मकान के अधिहरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी पटना.
जिन जिलों में ऐसे मामले आ रहे हो कि दोबारा से एक ही व्यक्ति पकड़ में आ रहा है. वहां के पुलिस अधीक्षक अगले एक सप्ताह में सीसीए के तहत कम से कम 10-20 ऐसे व्यक्तियों की सूची जिलाधिकारी को भेजे और डीएम भेजी गयी सूची में वर्णित व्यक्तियों पर सीसीए लगाकर उसे तड़ीपार करें, ताकि सरकार की शराबबंदी अभियान का संदेश आम जनता तक पहुंचे. ये बातें सोमवार को बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर की गयी कार्रवाई की समीक्षा बैठक करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर आनंद किशोर व पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खां ने कहीं. उन्होंने समीक्षा बैठक में आयुक्त के समक्ष पटना प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिलों के जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा हाल के दिनों में शराबबंदी को लेकर की गयी छापेमारी, गिरफ्तारी, शराब की जब्ती, वाहन, भूमि, मकान के अधिहरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी. बैठक में श्री राजेश कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, केन्द्रीय क्षेत्र पटना, मो0 रहमान, पुलिस उप महानिरीक्षक, शाहाबाद क्षेत्र, पटना प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों के जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक तथा अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
आयुक्त ने अधिकारियों को दिया निर्देश
– पटना प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक की निगरानी में लंबित न्यायालीय वादों के अनुश्रवण के लिए एक सेल का गठन किया जाये, जिसमें वरीय उप समाहर्ता, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा उत्पाद विभाग के प्रतिनिधि रहेंगे. सेल का दायित्व होगा कि शराब बंदी से संबंधित सभी मामलों की निगरानी के साथ-साथ दोबारा पकड़े गये लोगों की पहचान करें, ताकि ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक कर्रवाई की जा सके.
– शराब बंदी अभियान की नालंदा जिला की समीक्षा के क्रम में आयुक्त द्वारा नालंदा के डीएम तथा पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि वे मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम का सख्ती से अनुपालन करें. दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई करें. नियमित अंतराल में बैठक करते हुए की गयी कार्रवाई की समीक्षा करें और भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में एक्शन प्लान तैयार करें.
– अल्कोहल ब्रेथ एनलाइजर की उपलब्धता कम रहने के कारण सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वह आवश्यकतानुसार ब्रेथ एनलाइजर खरीदने के लिए आयुक्त कार्यालय में अधियाचना दें, ताकि उन्हें राशि उपलब्ध करा कर दी जाये.
– जिलों से प्राप्त सूचना के आलोक में आयुक्त द्वारा क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य को निर्देश दिया गया कि वह पटना प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक के सभी स्तर के अस्पतालों में शराब बंदी अभियान के तहत पकड़े गये लोगों के ब्लड टेस्ट कराये.
– पटना प्रमंडल के तीन प्रमुख मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच, एनएमसीएच तथा पावापुरी मेडिकल कॉलेज में भी अभियान के तहत पकड़े गये लोगों के ब्लड टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये.
– समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कुछ चिकित्सक अभियान के तहत पकड़े गये लोगों का रिपोर्ट सही प्रकार से नहीं लिखते हैं या उसे समय पर नहीं उपलब्ध करा पाते हैं. इस कारण गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत मिल जाती है. निर्देश दिया गया कि शराब बंदी अभियान के तहत अस्पतालों में प्रतिनियुक्त चिकित्सकों की भी अहम भूमिका देखते हुए उन्हें जागरूक करें, ताकि वह अभियान में अपना भरपूर सहयोग दें.
– शराब बंदी अभियान के तहत पकड़े गये शराब, भवन तथा वाहनों का अधिग्रहण 30 दिनों के अंदर कर लिया जाये एवं वाहनों को आवश्यकतानुसार पुलिस पेट्रोलिंग में लगाया जाये और आवश्यकता नहीं होने पर उसकी शीघ्र नीलामी कर दी जाये. साथ ही, अधिग्रहण किये हुए भवनों में तत्काल पुलिस बल के रहने के लिए उपयोग किया जाये.
– महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर टॉल फ्री हेल्प लाईन नंबर उपलब्ध करा दी जाये, ताकि आम जनता को शराब माफियाओं के बारे जानकारी देने में सुविधा हो और ऐसे समाचार देने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाये.
– जिला पदाधिकारी शराब अधिनियम की धारा 56, 57, 58 एवं 60 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल शराब माफिया पर कार्रवाई करे. सभी थाना प्रभारी को यह जिम्मेवारी होगी कि वे शराब के व्यापार, भंडारण, वितरण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
– दियारा क्षेत्र में नाव से शराब की आपूर्ति की जाती है. परंतु मोटर बोट की कमी के कारण शराब माफियाओं पर नकेल कसने में कठिनाई होती है. निर्देश दिया गया कि आवश्यकतानुसार सभी जिला पदाधिकारी स्पीड बोट की आपूर्ति के लिए प्रस्ताव समर्पित करें, ताकि इस पर अग्रेत्तर कार्रवाई की जा सके.
– शराबबंदी अभियान के प्रावधानों का उल्लंघन के आरोप में पकड़े गए वाहनों के स्वामियों को 10 दिनों का नोटिस निर्गत करते हुए उनके वाहनों के जब्त करने की कार्रवाई का कड़ाई से पालन करें.
– जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी, थाना प्रभारी को निर्देश निर्गत करेंगे कि वे अपने अधीनस्थ थाना स्तर पर शराबबंदी के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें. शराबबंदी अभियान में लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों अथवा अन्य कर्मियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. शराबबंदी अभियान में सराहनीय कार्य करने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा.
– सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी को निर्दश दिया गया कि शराबबंदी के नियमों का उल्लंघन के मामले में न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपने स्तर से दर्ज मामलों को आवश्यक कागजातों की अभिप्रमाणित प्रति पुलिस पदाधिकारियों को उपलब्ध कराएं, ताकि मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष वे अपना पक्ष मजबूती से रख सकें.
– शराबबंदी के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में पकड़े गये लोगों अथवा जब्त किये जाने वाले मकान, जमीन कर की जाने वाली कानूनी कार्रवाई की जानकारी विज्ञापनों व अखबारों में भी प्रकाशित कराया जाये.
– शराबबंदी के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़े गये वैसे लोग जो जमानत पर छूट गये हैं, का जमानत रद्द करने के लिए जिला पदाधिकारी के पास पुलिस अधीक्षक प्रस्ताव समर्पित करें. सभी पुलिस अधीक्षकों से वाहनों में लगे सामानों को स्कैन करने के लिए होल बॉडी स्कैनर के लिए अधियाचना भेजे.
– शराब बंदी अभियान के तहत दर्ज मामलों के क्रम में जब्त सामग्रियों के अधिहरण में आने वाले कानूनी अड़चनों को दूर करने हेतु केंद्रीकृत रूप से अनुश्रवण के लिए आयकर विभाग एवं बैंक के पदाधिकारियों तथा आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग आपस में समन्वय स्थापित करें. विशेष लोक अभियोजन उत्पाद को निर्देश दिया गया कि वे उत्पाद विभाग के साथ-साथ पुलिस द्वारा दायर वादों की भी कोर्ट में पैरवी करेंगे.