हाजीपुर से सटे महनार में शराब माफियाओं ने सारी हदें पार करते हुए पुलिस वालों पर लाठी डंडों से जमकर हमला बोल दिया. बेबस पुलिस जवान इधर से उधर भाग-भाग कर जान बचाते रहे. जबकि शराब माफियाओं का जत्था उन्हें खदेड़-खदेड़ कर पीटता रहा.
विजया दशमी के दिन जब चारों ओर चहल पहल थी ऐसे में कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस भी गश्त लगा रही थी. पुलिस को जैसे ही पता चला कि विजयादशमी होने के बावजूद शराब की दुकानें खुली हैं, वह वहां पहुंची. कुछ ही देर बाद पुलिस और स्थानीय शराब दुकानदारों में कहासुनी हो गई. फिर इतने में लाठी-डंडे से लैस कुछ लोगों ने पुलिस वालों पर हमला बोल दिया.
सवाल यह किया जा रहा है कि पुलिस इस कदर पिटती रही, लोग उन्हें खदेड़-खदेड़ कर मारते रहे फिर भी पुलिस अपने बचाव में कोई कार्रवाई करने के बजाये भाग-भाग कर जान क्यों बचाती रही?
इस घटना के बाद पुलिस जवानों का मनोबल काफी टूट गया है.चोट खाये एक पुलिस कर्मी ने स्वीकार किया है कि इस घटना से पुलिस की प्रतिष्ठा गिरी है. इधर पुलिस के आला अधिकारी इस सवाल का कोई जवाब देने को तैयार नहीं हैं.
महनार के एसडीपीओ कामिनी बाला ने नौकरशाही डॉट इन से सिर्फ इतना बताते हुए पल्ला झाड़ लिया कि “इस मामले में कार्रवाई की जा रही है”. जब उनसे पूछा गया कि पुलिस के जवानों ने डंडे बरसाने वालों को पहचान लिया है तो लोगों के ऊपर नेम्ड एफआईआर क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके जवाब में उन्होंने बात टालते हुए कहा कि “हमें अभी तक लिखित में एसडीओ से रिपोर्ट नहीं मिली है”. कुछ ऐसा ही जवाब वैशाली के एसपी उपेंद्र सिन्हा ने भी नौकरशाही डॉट इन को दिया.
इस घटना के बाद यह सवाल किया जा रहा है कि क्या पुलिस पर “ऊपर” से कोई दबाव है? माना जाता है कि शराब माफियाओं की राजनीति के गलियारे में जबरदस्त पकड़ है.
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से बिहार में शराब माफियाओं ने कई जगह उत्पात मचाया है. हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक पूर्व मंत्री ने शराब माफियाओं के खिलाफ आंदोलन चलाया तो उन्हें भी शराब माफियाओं ने दौड़ा दौड़ा कर लाठी डंडों से पीटा था.