बताया जा रहा है कि 1966 बैच के पूर्व आईएफएस अधिकारी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सलाहकार बनाये जा सकते हैं. वह वाजपेयी सरकार में विदेश सचिव रह चुके हैं.
वह डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, लीबिया में भारत के राजदूत के रूप में अपनी सेवायें दे चुके हैं. उन्होंने काहिरा और न्यूयार्क में अलग-अलग पदों पर रहते हुए भी काम किया है.
ज्ञात हो कि शशांक 2003-2004 के बीच विदेश सचिव रह चुके हैं. शशांक अपने कूटनीतिक हुनर के लिए सराहे जाते हैं.
शशांक ने 18 साल की उम्र में आगरा विश्वविद्यालय से एमएससी की उपाधि हासिल की थी. उसके विदेश सेवा में आने से पहले तीन सालों तक मेरठ कॉलेज में पढ़ाया भी था.
शाशांक के परिवार की एक खास बात यह भी है कि उनके सभी छह भाइयों में किसी के नाम में सरनेम नहीं लगा है.